बासुकिनाथ. बैशाख मास, शुक्ल पक्ष, अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर बासुकिनाथ मंदिर के पंडा-पुरोहितों ने भगवान परशुराम की जयंती धूमधाम से मनायी. भगवान परशुराम की जयंती के अवसर पर ब्राह्मण समाज के लोगों ने एकत्रित होकर भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर चर्चा की. पंडितों ने भगवान परशुराम से सुख-शांति और वैभव एवं देश के उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना की. पंडित जितेंद्र झा और संजय झा ने कहा कि भगवान परशुराम ने अन्याय के विरुद्ध शस्त्र उठाया था. उन्होंने सम्पूर्ण मानव समाज को अन्याय का विरोध करने के लिए प्रेरित किया. हम सभी को उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए. वैदिक पंडित राजू झा ने कहा कि भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठवां अवतार हैं. उन्होंने अन्याय, अधर्म और पाप कर्मों का विनाश किया था. पंडित चंदन झा शास्त्री और सोनू झा ने कहा कि भगवान विष्णु ने जमदग्नि के यहां छठे पुत्र के रूप में जन्म लिया था. अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण भगवान परशुराम की शक्ति की क्षति नहीं होती थी. कुंदन झा ने कहा कि भगवान परशुराम ने ब्राह्मण कुल में जन्म लिया था. उन्होंने जो लड़ाई लड़ी, वो सभी वर्ग के लिए थी. पूरा मंदिर परिसर ””भगवान परशुराम की जय, सनातन धर्म की जय, विश्व का कल्याण हो”” के नारे से गूंज उठा. इस मौके पर मंदिर के पंडा सह वैदिकाचार्य राजू झा, धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री संजय झा, पंडित जितेंद्र झा, कुंदन पत्रलेख, कुंदन झा, मुकेश झा, धर्मेंद्र झा, सोनू झा, अन्नू गोस्वामी, बमबम गोस्वामी, सुमित पांडेय, पिनाक पांडेय, चंदन शास्त्री, सुबोध झा, अजय पांडेय, मुन्ना पांडेय, बिट्टू बाबा सहित दर्जनों अन्य मौजूद थे.
संबंधित खबर
और खबरें