मसलिया में दम तोड़ रही जलापूर्ति योजनाएं, लाभ पाने से बड़ी आबादी व कई गांव हैं वंचित

कहीं मुआवजा के अड़चन से जलापूर्ति योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, तो कहीं कुछ गांव में संवेदक द्वारा कनेक्शन ही नहीं किया गया है.

By ANAND JASWAL | May 24, 2025 9:57 PM
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मसलिया. प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों वृहद व बहुग्रामीण जलापूर्ति योजनाएं दम तोड़ती दिख रही है. करोड़ों की इन योजनाओं के बावजूद दर्जनों गांव के लोग शुद्ध पेयजल से वंचित हैं. कहीं मुआवजा के अड़चन से जलापूर्ति योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, तो कहीं कुछ गांव में संवेदक द्वारा कनेक्शन ही नहीं किया गया है. कहीं मेगा लिफ्ट इरिगेशन के तहत सिंचाई के लिए पाइप बिछाने के क्रम में पेयजल आपूर्ति योजना का पाइप क्षतिग्रस्त कर दिये जाने से जलापूर्ति ठप है. इससे खासकर कठलिया, कोलारकोंदा एवं हाड़ोरायडीह पंचायत के दर्जनों गांवों में लोग जलापूर्ति योजना के लाभ से वंचित हैं. पाइप लीकेज व पाइप टूटने की समस्या लगातार सामने आते रहती है. पंचायत समिति की बैठक में भी अनियमित जलापूर्ति व जलापूर्ति से वंचित गांवों को जोड़ने का मुद्दा उठता रहा है. विभाग के अधिकारी का ऐसे में रटा-रटाया जवाब होता है कि जल्द ठीक करा दिया जाएगा. बहरहाल लक्ष्य के अनुरूप सभी गांवों में सप्लाई पानी विभाग नहीं पहुंचा पा रहा है. काफी दिनों से प्रखंड क्षेत्र के दलाही नूनबिल नदी के जलस्रोत से बना बेलियाजोर ग्रामीण जलापूर्ति योजना का लाभ बेलियाजोर पंचायतवासियों को नहीं मिल रहा है. बेलियाजोर पंचायत के रबियाकट्टा, हिरलजोरी, चांदना एवं कुमारडीह गांवों में इस योजना का लाभ पहुंचाने में संवेदक विफल हैं. हालांकि गांव में पाइप बिछाया गया है. लेकिन नल से जल नहीं निकलता है. तीन साल बीत जाने के बाद भी संवेदक की सुस्त कार्यशैली के कारण चार गांवों के लोगों को शुद्ध पेयजल से वंचित रखा गया है. इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार विभाग के अधिकारियों व संवेदक के लोगों से मिलकर समस्याएं रखी. इसके बाद भी कार्य में गति नहीं लायी गयी है. गांव में चापाकल का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. गर्मी के दिनों में पेयजल के लिए ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है. इस योजना से दलाही, आमगाछी, बेलियाजोर एवं कुसुमघाटा पंचायत के कुल 25 गांवों के 2789 घरों तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य है. योजना का कार्यादेश 25 मार्च 2022 को मिला था. जबकि 24 मार्च 2024 तक कार्य पूर्ण करने का था. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से इसे एक साल के लिए ट्रायल रन में रखा था. यह अवधि भी खत्म हो गयी है. लोगों के मुताबिक संवेदक अभी तक कार्य को पूर्ण नहीं कर पाया है. जबकि हाड़ोरायडीह ग्रामीण जलापूर्ति योजना दम तोड़ती दिखायी दे रही है. कठलिया, सीतासाल, बांसजोरा एवं लखनपुर गांव में पिछले तीन वर्षों से सप्लाई पानी बन्द है. करोड़ों रुपये की लागत से बनी बड़ी-बड़ी योजना घरों तक शुद्ध पेयजल नहीं पहुंचा पा रही है. आठ-दस महीनों से मात्र राजपाड़ा के आसपास के गांव जैसे राजपाड़ा, डिमुडीह, डुमरिया, मकरमपुर सहित सात गांवों तक पानी पहुंच रहा है. जेई मुकुल कुमार ने बताया कि एलएंडटी कम्पनी द्वारा पाइप बिछाने के क्रम में पाइप मकरमपुर व मानरायडीह के पास तोड़ दिया गया है. वर्ष 2019 में ही योजना की मरम्मत का फंड खत्म हो गया है. अगले तीन सालों के लिए मरम्मत के लिए सरकार से फंड की मांग की गयी है. फंड मिलते ही सुचारू रूप से योजना का लाभ लोगों को मिलने लगेगा.

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