दुमका जिले में मयुराक्षी नदी पर राज्य के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन होने के साथ ही इसके नामकरण को लेकर विवाद गहराने लगा है. कार्यक्रम के दौरान मंच से घोषणा की गयी थी कि सरकारी प्रक्रिया के तहत इस पुल का नामकरण दिशोम गुरू शिबू सोरेन सेतु रखते हुए शिलापट्ट लगाया जायेगा. बाद में भाजपा व पहाड़िया समाज द्वारा इस पुल का नामकरण बाबा तिलकामांझी के नाम पर करने की मांग उठाई गई थी. इस बीच शुक्रवार की सुबह पुल के दोनों किनारे लगभग डेढ़ दर्जन हार्डिंगनुमा बोर्ड लगे दिखे. इस बोर्ड में शहीद तिलकामांझी की तस्वीर है और नीचे लिखा है बाबा तिलकामांझी सेतु. बाबा तिलका मांझी सेतु के नाम से लगे डेढ़ दर्जन बोर्ड के संबंध में स्थानीय लोगों से जानकारी ली गयी, तो किसी को नहीं पता है कि किसने बोर्ड लगवाया है.
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