बासुकिनाथ. राजकीय श्रावणी मेला में बासुकिनाथ मंदिर के पंडा पुरोहितों ने मंदिर प्रबंधन की पूजा व्यवस्था पर कहते हैं. मंदिर के पूजा व्यवस्था में पहले से अब बहुत बदलाव हुआ है. मंदिर में सुविधाएं बढ़ी है, भक्त अब सुगमतापूर्वक कतारबद्ध होकर जलार्पण कर रहे हैं. जलार्पण काउंटर की भी व्यवस्था है, जो मंदिर कतार में नहीं लगना चाहते हैं. वैसे भक्त काउंटर पर ही जल डालकर भोलेनाथ से मंगलकामना करते हैं.
क्या कहते हैं पुरोहित
श्रावणी मेला का आज सातवां दिन है. पूजा व्यवस्था में मंदिर के पंडा पुरोहित सभी सहयोग कर रहे हैं, सुबह से स्पर्श पूजा हो रही थी. अचानक दोपहर में भीड़ बढ़ जाने के कारण मंदिर गर्भगृह गेट पर अरघा लगाया गया, श्रावणी मेला का प्रचार-प्रसार होने से मेला का स्वरूप बदल गया है. देश-विदेश से कांवरिया भक्त यहां पहुंच रहे हैं, मंदिर प्रबंधन द्वारा श्रद्धालुओं के सुविधार्थ की गयी व्यवस्था से श्रावणी मेले की प्रसिद्धि बढ़ी है. कांवरियों की भीड़ यहां बढ़ रही है. पहले शिवगंगा से मंदिर तक भक्तों की कतार लगती थी.
मंदिर प्रबंधन को श्रावणी मेला में सभी मुद्दों पर सहयोग कर रहे हैं. मंदिर में बेहतर व्यवस्था है, बुधवार को कांवरियों की भीड़ लगी थी. दोपहर बाद अरघा में जल डालकर श्रद्धालु बाहर निकल रहे हैं, उत्साह में भोलेनाथ का जयकारा भी लगा रहे हैं. मंदिर में व्यवस्था में पहले से बहुत बदलाव हुआ है, पहले मंदिर गेट पर बांस लगाकर बैरियर लगाया गया जाता था, जिसे बीच-बीच में हटाकर कांवरियों की भीड़ को गर्भगृह में जलार्पण के लिए जाने दिया जाता था अब ऐसी व्यवस्था नहीं है कतारबद्ध होकर बढ़िया से श्रद्धालु गर्भगृह में बाबा की पूजा अर्चना करते हैं. टोकन कटा कर अपने यजमानों का सुलभ जलार्पण कर रहे हैं.
बासुकिनाथ मंदिर में वीआइपी पूजा समाप्त होनी चाहिए. वीआइपी के कारण अक्सर मंदिर में आम श्रद्धालुओं को दिक्कत होती है. हर साल श्रावणी मेला में कुछ न कुछ बदलाव होता है. इस बार कांवरिया रूट लाइन में बदलाव हुआ है. पूजा कर कांवरिये खुश हो रहे हैं, सबकुछ सामान्य हो गया है. कांवरिये शिवगंगा में आस्था की डुबकी लगाने के बाद कतार में लग रहे हैं. पहले शिवगंगा से मंदिर तक श्रद्धालुओं की कतार लगती थी. भक्तों की अलग-अलग कतार लगती थी, मंदिर का सभी गेट भी खुला रहता था.
मंदिर व मेला क्षेत्र में कांवरियों के सुविधार्थ की गयी व्यवस्था में बदलाव के कारण बासुकिनाथ में भक्तों की भीड़ बढ़ी है. कांवरिया सुविधापूर्वक जलार्पण कर रहे हैं. पहले भीड़ इतनी नहीं होती थी. कांवरिया शिवगंगा में स्नान करने के बाद सीधे बाबा मंदिर में गंगाजल लेकर प्रवेश करते थे, लेकिन अब व्यवस्था व भीड़ बढ़ने के बाद शिवगंगा में स्नान करने के बाद सीधे कांवरिया रूट लाइन में कतारबद्ध हो जाते हैं. इसका मुख्य कारण है मेला की व्यवस्था बेहतर होना है. कम भीड़ रहने पर भक्त गर्भगृह में जलार्पण कर रहे हैं.
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