प्रतिनिधि, दुमका नगर जब साईंबाबा शरीर में थे, तब शिरडी में धूमधाम से गुरु पूर्णिमा का महोत्सव आयोजित होता था. गुरु पूर्णिमा को साईंनाथ की पालकी यात्रा गाजे-बाजे के साथ निकाली गयी. जगह-जगह पुष्पवर्षा की गयी. साईंनाथ की पालकी बजरंगबली मंदिर, कुरुवा के शिव मंदिर और फिर बेहराबांक मंदिर तक गयी. सैकड़ों भक्तों ने पालकी यात्रा में भाग लिया. कंधे पर लेकर साईं का जयकारा लगाया. बाहर से आये कलाकारों ने डाक और ढोल बजाया. पूरा माहौल ही साईंमय हो गया. इस बाबत ननकू कुरुवा साईं मंदिर को फूलों और रंग-बिरंगे बल्बों से सजाया गया था. शाम 6:00 बजे धूप आरती हुई. आरती के बाद भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो मदनेश्वर चौधरी, गोपाल पंजियारा, डॉ संजय कुमार सिन्हा, पवन केसरी, अनुज कुमार सिंह, हरिनंदन चौधरी, प्रतिमा अंबष्ठ, रमेश चौधरी, डॉ रमेश वर्मा, सुनील, अरुण सिंह, अरुण खैरा, रामप्रवेश साह, टुनटुन, प्रमोद कुमार, नलिन झा, सुधांशु झा, रामप्रवेश, सुधांशु झा, नंदा स्वामी, रंजन कुमार सिंह, मलयज वत्स, प्रो अनिल सिंह, छविकांत दुबे, कृष्ण गोविंद का महत्वपूर्ण योगदान रहा. सभी पूजन अनुष्ठानपंडित प्रभाकर और पंडित दिवाकर ने संपन्न कराया. वहीं टाटा शोरूम चौक स्थित श्री बजरंगबली लोकनाथ साईं मंदिर दुमका से भी साई बाबा की भव्य व पवित्र पालकी यात्रा नगर भ्रमण को निकली. यात्रा में आकर्षण का केंद्र रथ व बंगाल से आये महिला ढाकिया की मंडली थी. जो ढाक बजाते हुए पालकी के साथ चल रहीं थीं. इसके बाद मंदिर परिसर में भक्तों के बीच महाभोग का वितरण किया गया. यात्रा को सफल बनाने में मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यों ने अहम भूमिका निभायी.
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