रामगढ़. झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा इंटरमीडिएट कला संकाय की वर्ष 2025 की वार्षिक परीक्षा के घोषित परिणाम में रामगढ़ प्रखंड के छात्रों ने एक बार फिर से जिला स्तर पर रामगढ़ प्रखंड का गौरव बढ़ाया है. रामगढ़ हाई स्कूल के छात्र विजय सोरेन ने दुमका जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है. उसे 88.80 प्रतिशत अर्थात 444 अंक प्राप्त हुए हैं. वहीं रामगढ़ हाई स्कूल का सेकंड टॉपर रोबेन मुर्मू को जिले में छठा स्थान प्राप्त हुआ है. उसे 87.20 प्रतिशत अर्थात 436 अंक प्राप्त हुए हैं. दोनों ही छात्र अत्यंत कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाले हैं. जिला टॉपर विजय सोरेन रामगढ़ प्रखंड के लखनपुर पंचायत के बसडीहा पश्चिमी टोला का निवासी है. विजय सोरेन के पिता नहीं हैं. काफी पहले उनका देहांत हो चुका है. घर में मां, बूढ़ी दादी एवं छोटा भाई है. पूरे परिवार के भरण-पोषण का जिम्मा मां के ऊपर है. मां सोना मुनी बास्की मनरेगा मजदूर हैं. उन्होंने स्वयं अपने खेतों के साथ-साथ गांव वालों के खेतों में तथा मनरेगा में मजदूरी कर विजय सोरेन को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया है. विजय का कहना है कि पिता सोना लाल सोरेन की मृत्यु के बाद भी उसकी मां सोनामुनी बास्की ने हिम्मत नहीं हारी. स्वयं मजदूरी कर भी उन्होंने उसे हमेशा पढ़ने के लिए प्रेरित किया. विजय के अनुसार उसने कभी ट्यूशन नहीं पढ़ा. स्कूल के शिक्षकों के मार्गदर्शन के अनुसार ही उसने तैयारी की. कहना है कि इंटर की परीक्षा में मिली सफलता ने उसे आगे और भी अच्छा करने की प्रेरणा दी है. अपनी सफलता का श्रेय उसने अपनी माता के साथ-साथ रामगढ़ हाई स्कूल के शिक्षकों को देते हुए कहा कि वह अपनी पढ़ाई में और परिश्रम करेगा. अभी उसका लक्ष्य स्नातक में अच्छा रिजल्ट लाना है. भविष्य में उसकी इच्छा प्रशासनिक सेवा में जाने की है. इसके लिए उसने अभी से संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए पढ़ना शुरू कर दिया है. वहीं विद्यालय स्तर पर दूसरा स्थान तथा जिले में छठा स्थान प्राप्त करने वाले रोबेन मुर्मू की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी कुछ ऐसी ही है. रामगढ़ प्रखंड के पथरिया पंचायत के नगरा पहाड़ी निवासी रोबेन मुर्मू के पिता का नाम सोना लाल मुर्मू तथा मां का नाम मकलू हांसदा है. पिता सोना लाल मुर्मू बुजुर्ग हैं तथा अस्वस्थ रहते हैं. भाई बहनों में केवल रोबेन मुर्मू ही पढता है. उसके घर का पालन पोषण भी मां मकलू हांसदा मजदूरी से करती है. संसाधनों की कमी के बावजूद विजय सोरेन तथा रोबेन मुर्मू जैसे छात्र कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि वाले छात्रों के लिए रोल मॉडल बन कर उभरे हैं. इन दोनों छात्रों ने कभी भी ट्यूशन नहीं पढ़ा है तथा पूरी तैयारी विद्यालय के शिक्षकों के मार्गदर्शन में ही की है. दोनों ने अपनी सफलता का श्रेय रामगढ़ हाई स्कूल के शिक्षकों को देते हुए कहा है कि अब यह दोनों आगे की पढ़ाई एक साथ मिलकर करेंगे तथा दोनों ही सिविल सर्विसेज में जाने का प्रयास करेंगे.
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