जेटेट में हिंदी, भोजपुरी व मगही को शामिल करने की मांग

जेटेट में हिंदी, भोजपुरी व मगही को शामिल करने की मांग

By SANJAY | June 14, 2025 9:49 PM
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गढ़वा.

राज्य सरकार द्वारा जारी झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा की क्षेत्रीय भाषाओं की सूची को लेकर विरोध के सुर लगातार तेज होते जा रहे हैं. इसी क्रम में भवनाथपुर विधायक अनंत प्रताप देव ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की है. उन्होंने सीएम को पत्र सौंप कर मांग की है कि गढ़वा और पलामू जैसे जिलों की प्रमुख भाषाओं हिंदी, भोजपुरी और मगही को क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल किया जाये. पत्र में विधायक ने स्पष्ट किया है कि पलामू प्रमंडल के गढ़वा, पलामू और लातेहार जिले के लिए कुड़ुख और नागपुरी भाषाओं का चयन किया गया है. जबकि ये जिलों बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ से सटे हैं. यहां हिंदी, भोजपुरी और मगही भाषाओं का पारंपरिक और सांस्कृतिक प्रभाव बहुत गहरा है. विधायक अनंत प्रताप देव ने पत्र में लिखा है कि इन जिलों की बड़ी आबादी आज भी संवाद, लेखन और पठन-पाठन के लिए हिंदी, भोजपुरी और मगही भाषाओं का प्रयोग करती है. विद्यालयों में भी इन भाषाओं का व्यापक इस्तेमाल होता है. ऐसे में जब राज्य सरकार नियुक्ति परीक्षाओं में इन भाषाओं को नजरअंदाज करती है, तो यह न केवल स्थानीय युवाओं के साथ अन्याय है बल्कि उनकी सांस्कृतिक पहचान को भी ठेस पहुंचाने वाला निर्णय है. इससे छात्र-छात्राओं में असंतोष है. विधायक ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि क्षेत्र में पहले से ही भाषायी उपेक्षा को लेकर असंतोष व्याप्त है.
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