प्रतिनिधि, भवनाथपुर भवनाथपुर उत्तरी वन क्षेत्र के अंतर्गत बरवारी सुरक्षित वन क्षेत्र स्थित चरकी पहाड़ इन दिनों वन माफियाओं के निशाने पर है. बड़े पैमाने पर अवैध पत्थर उत्खनन कर ये माफिया न सिर्फ प्राकृतिक धरोहर को नष्ट कर रहे हैं, बल्कि सरकार को भारी राजस्व नुकसान भी पहुंचा रहे हैं.
ग्रामीण सूत्रों की माने तो पत्थर माफिया रात के अंधेरे में ट्रैक्टरों से पत्थर ढुलाई करते हैं और इन्हें संवेदकों को ₹2500 प्रति ट्रिप बेच देते हैं. वहीं मजदूरों को मात्र ₹200 प्रति ट्रिप मजदूरी दी जाती है. इन पत्थरों का इस्तेमाल झगराखांड से बरवारी तक बन रही मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत पुल, पुलिया और गार्डवाल निर्माण में हो रहा है.
गौरतलब है कि तीन माह पूर्व प्रभात खबर ने इस अवैध उत्खनन की खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद वन विभाग ने माफिया रामचंद्र कोरवा पर खानापूर्ति करते हुए मात्र 500 सीएफटी पत्थर का मामला दर्ज किया था. लेकिन अब वही माफिया फिर से सक्रिय हो गया है और वन कर्मियों की मिलीभगत से बेखौफ होकर उत्खनन कर रहा है.
वन रक्षी राकेश कुमार ने निरीक्षण के दौरान यह स्वीकार किया कि तीन महीने पहले जब्त किया गया पत्थर भी अब संवेदकों को बेच दिया गया है. इससे यह साफ है कि पत्थर माफिया और विभागीय कर्मियों के बीच साठगांठ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
स्थानीय लोग और पर्यावरण प्रेमी इस पूरे घटनाक्रम से चिंतित हैं. उनका कहना है कि यदि समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो चरकी पहाड़ का अस्तित्व मिट जायेगा और इसका गंभीर पर्यावरणीय असर होगा. प्रशासन से निर्दोष पहाड़ी क्षेत्र को बचाने के लिए त्वरित और कठोर कदम उठाने की मांग की जा रही है.
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