गढ़वा शहर से सटे चिरौंजिया गांव में मंगलवार की सुबह प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान ग्रामीणों ने प्रभात खबर के समक्ष अपनी समस्याओं को खुलकर साझा किया. चौपाल पर चर्चा करते हुए ग्रामीणों ने गांव से जुड़े कई ऐसी समस्याएं उठायी, जो चौंकानेवाला था. उल्लेखनीय है कि सरस्वतिया नदी के तट पर गढ़वा सदर प्रखंड के चिरौंजिया पंचायत के इस गांव की आबादी करीब 3500 है, जो आठ टोलों मेें बंटी है. गांव में एक दर्जन से अधिक विभिन्न जातियों के लोग रहते हैं. ज्यादातर लोग कृषि कार्य से ही अपनी आजीविका चलाते हैं. बताया गया कि इस गांव में एक बड़ा हिस्सा खास महल की भूमि का है. इससे गांव के 150 रैयत प्रभावित हैं. इन रैयतों की भूमि का न तो झारखंड सरकार के रिकॉड में न तो ऑनलाइन हो पा रहा है और न ही उनकी रसीद कट रही है. इस कारण ये रैयत काफी परेशानी झेल रहे हैं. जमीन का रसीद नहीं होने के कारण उन्हें कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिल पा रही है. इससे उनके बच्चे की शिक्षा व नौकरी भी प्रभावित हो रही है. इसके लिए वे सरकारी कार्यालयों का वर्षों से चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई. चिरौंजिया गांव के सभी टोले सड़क से जुड़े हैं. लेकिन ग्रामीणों ने कहा कि अतिक्रमण के कारण कई टोलों का मार्ग संकीर्ण हो गया है. साथ ही उन्होंने गांव के सार्वजनिक स्थलों के अतिक्रमण का भी मुद्दा उठाया. कार्यक्रम का संचालन स्वयंसेवी संस्था जनक विकास धारा ऑर्गनाइजेशन के सचिव रामाशंकर चौबे ने किया.
एक कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता है : दिनेश कुशवाहाग्रामीण व भाजपा के पंचायत अध्यक्ष दिनेश कुमार कुशवाहा ने कहा कि वे लोग मुख्य रूप से सब्जी उत्पादन कर आजीविका चलाते हैं. लेकिन कोल्ड स्टोरेज के अभाव में परेशान होती है. इस साल टमाटर का काफी उत्पादन हुआ, लेकिन कोल्ड स्टोरेज के अभाव में खराब होने के कारण कौड़ी के भाव में बेचना पड़ा. इससे उनकी पूंजी भी नहीं निकली. यही स्थिति अन्य सब्जियों के साथ होती है.
सरकारी स्थल का अतिक्रमण हुआ है : धनंजय पासवानचिरौंजिया के पंचायत समिति सदस्य धनंजय पासवान ने कहा कि गांव की सरकारी भूमि का अतिक्रमण हो रहा है. गांव के शिव मंदिर की 2.08 एकड़ जमीन है और मांडर की 1.25 एकड़. इसी तरह से नीमटांड़ की 52 डिसमिल व वीर कुंवर स्थल की 51 डिसमिल जमीन है. इन सभी जमीन का अतिक्रमण हो रहा है. उन्होंने प्रशासन से गांव की सार्वजनिक भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग की.
अधूरा जलमीनार पूरा करे सरकार : जितेंद्र चंद्रवंशीग्रामीण जितेंद्र चंद्रवंशी ने गांव के अधूरी जलमीनार का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन से जलमीनार बनाया गया, लेकिन वह पूरा नहीं हुआ. इसके चलते गांव की जल समस्या का समाधान नहीं हो सका. गांव का जलस्तर नीचे चला गया है. विशेषकर गर्मी के दिनों में पानी की काफी परेशानी होती है.
श्मशान घाट की चहारदीवारी बनाने की जरूरत : राजकुमार महतोसमाहरणालय से सेवानिवृत कर्मचारी राजकुमार महतो ने कहा कि उनके गांव के श्मशान घाट की भूमि की चहारदीवारी की जरूरत है. चहारदीवारी के अभाव में दूसरे समुदाय के लोग उसपर कब्जा कर रहे हैं. साथ ही श्मशान घाट जाने के लिए सरस्वती नदी पर पुल बनाने की जरूरत है. उनका श्मशान घाट सरसतिया नदी के उस पार है. पुल के अभाव के बरसात के दिनों में श्मशान घाट जाने में परेशानी हो जाती है.
गांव में बुनियादी सुविधा की पहल नहीं हो रहा : अनिल कुमारअनिल कुमार ने कहा कि उनके गांव में कई बुनियादी समस्याएं हैं. लेकिन शहर के करीब होने के बाद भी उनका समाधान नहीं हो पा रहा है. इससे खेती-किसानी से जीविकोपार्जन करनेवाले ग्रामीणों को काफी मेहनत के बाद भी उसको अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा है.
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