गढ़वा सदर अस्पताल में इलाज की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. दरअसल एलोपैथी के चिकित्सकों द्वारा ही सदर अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जाना है. इसके लिए एलोपैथी के चिकित्सकों का ड्यूटी रोस्टर बना हुआ है. नियमानुसार उन्हें रोस्टर के अनुसार ड्यूटी करनी है. लेकिन कई चिकित्सक ओपीडी या इमरजेंसी में अपनी ड्यूटी के दौरान किसी चिकित्सा कर्मी या होमियोपैथी के चिकित्सक को मरीजों के इलाज के लिए बैठा देते हैं. खास बात यह है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से एमबीबीएस डिग्री धारी चिकित्सक द्वारा सदर अस्पताल रेफर गंभीर मरीजों का इलाज भी होमियोपैथी चिकित्सक कर रहे हैंय ये लोग धड़ल्ले से एलोपैथ की दवाएं भी लिख रहे हैं. जबकि मरीजों व उनके परिजनों को यह पता ही नहीं रहता है कि उनके मरीज का इलाज कौन कर रहा है. ऐसे इलाज से कई मरीजों की जान चली जाती है या कई मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है. लेकिन सदर अस्पताल प्रबंधन जानबूझकर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहा है.
सदर अस्पताल में रविवार को सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे की इमरजेंसी ड्यूटी में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत भवनाथपुर में पदस्थापित आयुष चिकित्सक डॉ जेपी ठाकुर मरीजों का इलाज करते पाये गये. वह इमरजेंसी में आये मरीजों को एलोपैथी दवाएं लिख रहे थे.
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