प्रतिनिधि, केतार सरकार ने ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने को लेकर अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित कर रही है. वहीं दूसरी ओर विभाग की सुस्ती के कारण केतार प्रखंड क्षेत्र का तीन मंजिला, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छह वर्ष से उद्घाटन के बाद से ही बंद पड़ा हुआ है. इसके कारण एक ओर यहां के 80000 की आबादी को सरकारी स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है. वहीं दूसरी ओर अस्पताल भवन दिनों-दिन क्षतिग्रस्त होते जा रहा है. वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चिकित्सक एवं फार्मासिस्ट की पदस्थापना हुई है. परंतु अस्पताल भवन में पेयजल, विद्युत आपूर्ति, साफ-सफाई एवं मरम्मत नहीं होने के कारण उक्त अस्पताल बंद पड़ा हुआ है. वहीं चिकित्सक व फार्मासिस्ट को बगल के उपकेंद्र में बैठना पड़ रहा है. यहां दुर्घटना व मारपीट के बाद थाने में प्राथमिक की दर्ज करने आये ग्रामीणों को गंभीर अवस्था में 15 किलोमीटर दूर भवनाथपुर जाना पड़ता है. चिकित्सा विभाग के जानकारों एवं बुद्धिजीवियों का मानना है कि यहां उप केंद्र में पदस्थापित सीएचओ, एएनएम, एमपीडब्ल्यू को रोस्टर वाइज प्रतिनियुक्ति कर तथा अस्पताल के पानी टंकी, वायरिंग, विद्युत आपूर्ति बहालकर उक्त अस्पताल को चालू कराया जा सकता है. परंतु ऐसा नहीं होने से लोगों में विभाग के प्रति काफी आक्रोश है. 15 दिन पूर्व अस्पताल के बगल के गांव परती के सीजीवा टोला के एक युवक की करैत सांप के डंसने के बाद स्थानीय स्तर पर एंटी वेनम इंजेक्शन नहीं मिलने के कारण जिला मुख्यालय तक पहुंचने में देर हो गयी व उसकी मौत हो गयी.
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