मझिआंव प्रखंड के चंद्रपुरा गांव में पुराने सिंचाई कूप के मुंडेर के पत्थर को तोड़कर उसे नया रूप देकर उसे नया कूप बता दिया गया. इसके बाद इसी के आधार पर 73 हजार रुपये की निकासी कर ली गयी थी. मनरेगा योजना के तहत बने इस बिरसा सिंचाई सिंचाई कूप की जांच करीब 10 माह पहले हुई थी, जिसमें गड़बड़ी की पुष्टि हो गयी. पर निकाली गयी रकम 73 हजार रुपये की रिकवरी नहीं हुई है. अब पुराने पदाधिकारी के स्थानांतरण के बाद आये नये पदाधिकारियों को गुमराह कर सिंचाई कूप के लाभुक सुदामा साहू ने कूप के बाकी बचे 4.18 लाख रुपये निकालने के लिए भी प्रयास शुरू कर दिया है. वहीं वह नये कनीय अभियंता से 76 हजार रुपये का एमबी भी बुक कराने का दावा किया जा रहा है.
जांच रिपोर्ट भेज दी गयी थी : इधर इस संबंध में तत्कालीन कनीय अभियंता शैलेश तिवारी ने पुराने कूप को तोड़कर, उसी पर नया कूप बनाये जाने की बात को सही बताया. कहा कि जांच रिपोर्ट वरीय पदाधिकारी को भेज दी गयी है.
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