धान, मक्का और अरहर की बुआई प्रभावित, कर्ज चुकाने की चिंता में डूबे किसान घनश्याम सोनी, बड़गड़. बड़गड़ प्रखंड क्षेत्र में लगातार हो बारिश से किसानों को चिंता बढ़ी है. लगातार बारिश के कारण किसान अभी तक ठीक से खेती किसानी का काम शुरू नहीं कर पाये हैं. बड़गड़ प्रखंड क्षेत्र के किसानों के लिए आर्थिक दृष्टिकोण से सबसे महत्वपूर्ण फसल मक्का एवं धान की बुआई है. तुलनात्मक दृष्टिकोण से देखें तो पूर्व के वर्षों में सावन माह में खेती किसानी का काम परवान पर रहता था, लेकिन इस बार किसानों ने फसल उगाने के लिए बीज की तो खरीदारी कर ली, लेकिन प्रखंड क्षेत्र में वर्तमान समय में सामान्य से अधिक बारिश होने के कारण किसान अभी तक अपने खेतों में बीज की बुआई तक नहीं कर पाये हैं. कुछ किसानों ने मौसम अनुकूल नहीं होने के बावजूद भी अपने खेतों में मक्का एवं धान की फसलों की बुआई तो की लेकिन अतिवृष्टि के कारण किसानों के द्वारा खेतों में डाले गए बीज उग ही नहीं पाये. कुछ किसानों ने धान का बिचड़ा लगाया था धान ,वह तेज बारिश में बह गये प्रखंड के ज्यादातर गरीब किसान कर्ज लेकर धान एवं मक्का के उन्नत किस्म के बीज की खरीदारी भी कर चुके हैं, लेकिन मौसम की मार के कारण बुआई नहीं होने से कर्ज चुकाने को लेकर किसानों को चिंता सताने लगी है. यहां के ज्यादातर किसान बरसात के दौरान उपज होने वाले मक्का और धान की फसल को आय का मुख्य स्रोत मानते हैं. इन फसलों के माध्यम से हुई कमाई से अपने जरूरत को पूरा करते हैं, ऐसे में अतिवृष्टि से किसान प्रभावित हो गये. प्रखंड में सामान्य से अधिक हुई बारिश आंकड़ों के अनुसार जून माह सामान्य वर्षा अनुपात में सामान्य वर्षापात से बड़गड प्रखंड में 184 मिमी अधिक बारिश हुई है. कृषि कार्य के लिए जुलाई का महीने काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. सामान्य वर्षा अनुपात 344.7 मिमी होनी चाहिए थी, लेकिन 17 जुलाई तक के आंकड़ों के अनुसार बड़गड़ प्रखंड क्षेत्र में वर्षा अनुपात से अधिक 384 मिमी बारिश हो चुकी है. प्रखंड क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से बड़े पैमाने पर कृषि कार्य प्रभावित होने का अनुमान है. कर्ज में डूबे किसान, नुकसान की सता रही चिंता ब्याज पर पैसा लेकर अपने खेत के अलावा बंटाई पर जमीन ली थी. धान का बिचड़ा लगाया वह बर्बाद हो गया ,इस बार खेती में काफी घाटा हो गया. बारिश से खेती काफी प्रभावित हई है. – अशोक यादव, किसान अपनी जमा पूंजी से 30 किलो मक्के का हाइब्रिड बीज व उर्वरक खरीदकर घर में रखा था, लेकिन ज्यादा बारिश होने के कारण मक्के की बुआई नहीं कर पाये. वहीं बारिश के कारण आधे से अधिक धान के बिचड़े भी बर्बाद हो गये. सोमा टोप्पो, किसान क्षेत्र में अत्यधिक बारिश होने के कारण अरहर, तिल सहित मक्के की फसल की बुआई नहीं हो पायी है. 25 किलो धान के बीज में आधे से अधिक सड़ गये. इस बार मौसम ने साथ नहीं दिया. कौशर आलम, किसान दुकान से उधार में 21 किलो धान का बीज खरीदकर बुआई की थी, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. पैसे के अभाव दोबारा बीज खरीदना मुश्किल है, अब कर्ज चुकाने चिंता सता रही है. वीरनाथ सिंह, किसान खेती के लिए 27 किलो मक्के का बीज खरीदा था, जिसमें 17 किलो बीज की बुआई हो चुकी है, लेकिन लगातार बारिश के कारण 80 प्रतिशत से अधिक बीज खेत में ही खराब हो गये. अधिक बारिश के कारण काफी परेशानी हुई. प्रदीप उरांव, किसान इस बार शुरुआती दौर में बारिश हुई, तो लगा कि इस बार खेती किसानी के लिए उपयुक्त माहौल है, पर अत्यधिक बारिश ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया. इस बार अधिक बारिश से काफी नुकसान हुआ है. कमलेश प्रसाद, किसान उगरा गांव के लिए बड़ी त्रासदी यह है कि किसान कभी अनावृष्टि से, तो कभी अतिवृष्टि से परेशान रहते हैं. फिलाहाल इलाके के किसान काफी कठिन दौर से गुजर रहें हैं. अधिक बारिश से इस बार किसान परेशान हैं. जलील अंसारी, किसान
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