वक्फ बोड संशोधन कानून के विरोध में शनिवार को मुस्लिम समाज के लोगों ने जिला मुख्यालय में एक रोषपूर्ण जुलूस निकाला. जुलूस को लेकर सुबह से ही मुस्लिम समाज के लोग उंचरी कर्बला के पास तेतरिया टांड़ के मैदान में पहुंचे हुए थे. वहां से जुलूस शुरू होकर मझिआंव मोड़ से शहर के मुख्य पथ होते हुए गोविंद उच्च विद्यालय के मैदान तक जाकर एक सभा में तब्दिल हो गया. जुलूस में शामिल लोग अपनी मांगों से संबंधित तख्तियां लिए हुए वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के विरोध में आक्रोशपूर्ण नारे लगा रहे थे. गोविंद उवि के मैदान में पहुंचने पर वहां एक सभा की गयी. इसका झामुमो के वरिष्ठ नेता सह पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर सहित इंडिया गठबंधन के नेताओं ने भी समर्थन किया. सभा की अध्यक्षता अल्पसंख्यक अधिकार मंच के अध्यक्ष शौकत कुरैशी ने की.
धार्मिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन : सभा को प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ यासीन अंसारी, एआइएमआइएम के डॉ एमएन खान, कांग्रेस जिलाध्यक्ष ओबैदुल्लाह हक अंसारी, भाकपा माले नेता कालीचरण मेहता, झामुमो के ताहिर अंसारी, जवाहर पासवान, दीपमाला कुमारी, मेदनी खान, महफूज खान, जमीरूद्दीन अंसारी, शहंशाह आलम, इमाम हसन, डॉ मकबूल आलम खान, तनवीर खान, शंभू राम, मासूम खान, शादाब खान, करीब, अंसारी नसीम, अंसारी अब्दुल, रहमान, वारिश व शमशाद खान ने भी संबोधित किया. इन वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम 1995 में मुस्लिम समुदाय के विद्वानों और मुतवल्लियों से परामर्श किये बिना तथा जेपीसी की सिफारिशों को नजरअंदाज करते हुए अधिनियम-2025 पारित किया है. इसे उन्होंने तानाशाही और असंवैधानिक कदम बताया. कहा कि यह संशोधित अधिनियम भारतीय मुसलमानों की धार्मिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.
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