गढ़वा. शिबू सोरेन के निधन पर बाबू दिनेश सिंह विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में शोकसभा का आयोजन किया गया. इस मौके पर दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गयी. इस मौके पर कुलाधिपति दिनेश सिंह ने कहा कि शिबू सोरेन ने न केवल आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि झारखंड राज्य के निर्माण में भी निर्णायक भूमिका निभायी. उनका जीवन संघर्ष, तपस्या और समर्पण का प्रतीक रहा है. अन्याय के खिलाफ उनकी आवाज उनके जन्मस्थल की गलियों से होकर पूरे राज्य में गंजी. साल 1969-70 में नशाबंदी, साहूकारी व जमीन बेदखली के खिलाफ उन्होंने जनांदोलन शुरू किया था. उन्हें अदिवासी समाज ने नायक बनाया. उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन झारखंड की आत्मा थे. उनका जीवन सामाजिक न्याय, जनजातीय अधिकारों और संघर्ष की प्रेरणा देता है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम के सिंह ने कहा किशिबू सोरेन ने झारखंड राज्य की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. शोकसभा में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अजय भूषण प्रसाद, परीक्षा नियंत्रक डॉ ललन कुमार, वनांचल एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट के पदाधिकारी सुभाष सिंह, प्रवीण कुमार सिंह, राकेश कुमार सिंह, पंकज सिन्हा एवं विभिन्न कॉलेज एवं विभाग के प्राचार्य, शिक्षक एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित थे.
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