प्रभात खबर कार्यालय गढ़वा की ओर से सोमवार को सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस रामासाहू प्लस टू विद्यालय में साइबर क्राइम को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक में साइबर सेल के विशेषज्ञ राजीव कुमार दूबे एवं जनक विकास धारा ऑर्गनाईजेशन के सचिव सह पीएलवी रामाशंकर चौबे ने विद्यार्थियों को साइबर क्राइम के बारे में विस्तार से बताया. मौके पर राजीव दूबे ने कहा कि स्मार्ट फोन आज के समय में सुविधाजनक भी है और नुकसानदेह भी. मोबाइल बैंकिंग व एटीएम के उपयोग से हमारा लेनदेन जितना सुविधाजनक हुआ है, उतना इसमें खतरा भी है. उन्होंने कहा कि मोबाइल पर एसएमएस, वाट्सएप या अन्य माध्यमों से कोई भी मैसेज आता है, तो बिना समझे उसपर क्लिक न करें. इसे दूसरों के साथ शेयर भी नहीं करना है. क्योंकि इससे वे सभी ठगी का शिकार हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी लोगों के खाते से पैसा उड़ाने के लिए प्रतिदिन नये-नये हथकंडे अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि खाता में पैसा आने का मैसेज आता है, तो उसे रिसीव न करें. क्योंकि किसी भी खाते में पैसा आने पर उसे रिसीव करने की जरूरत नहीं होती. उन्होंने कहा कि अनजान नंबर से वीडियो कॉल आने पर उसे उठाना नहीं है. इससे हमारा मोबाइल हैक किया जा सकता है या हमारी तसवीर लेकर उसका दुरुपयोग कर हमें ब्लैकमेल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में बच्चे या बच्चों के अभिभावक सामाजिक प्रतिष्ठा बचाने के लिए साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं.
डिजिटल अरेस्ट होने से बचें : रामाशंकर चौबे ने कहा कि कम उम्र के बच्चे मोबइईल का उतना ही उपयोग करें, जितना उनके पढ़ाई के लिए जरूरी हो. बच्चों द्वारा छेड़छाड़ या प्रतिबंधित साइट पर जाने के बाद भी अभिभावकों का बैंक अकाउंट खाली हो सकता है. उन्होंने कहा कि आजकल डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं को भी साइबर अपराधियों द्वारा अंजाम दिया जा रहा है. इससे भी सतर्क रहने की जरूरत है. इसके अलावे सीएसपी से लेनदेन करते समय भी सतर्कता रखें. क्योंकि सीएसपी से पैसा निकालते समय भी हमारे साथ धोखाधड़ी हो सकती है. इसलिए पैसा निकालने के बाद रसीद जरूर प्राप्त करें.
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