Home झारखण्ड गढ़वा छह वर्ष बाद भी चालू नहीं हुआ अस्पताल

छह वर्ष बाद भी चालू नहीं हुआ अस्पताल

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छह वर्ष बाद भी चालू नहीं हुआ अस्पताल

संदीप कुमार, केतार प्रखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बुरा है. यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण हुआ है. वर्ष 2017 में तीन करोड़ की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 10 बेड के तीन मंजिले अस्पताल भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. 20 अक्तूबर 2019 को इस अस्पताल भवन का उदघाटन कर दिया गया, लेकिन छह वर्ष बीत जाने के बाद भी अस्पताल चालू नहीं हो सका है.

क्षतिग्रस्त हो रहा है अस्पताल भवन

अस्पताल भवन का कोई उपयोग नहीं हो रहा है. बंद रहने के कारण खिड़कियों की कांच, सबमर्सिबल, पाइप, पानी टंकी, शौचालय आदि को असामाजिक तत्वों के द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. दूसरी तरफ भवन उपलब्ध रहते चिकित्सक और फार्मासिस्ट उपस्वास्थ्य केंद्र भवन में बैठ कर सुविधाओं के अभाव में सेवा दे रहे हैं. बताया गया कि 18 मार्च 2025 को चिकित्सक का पदस्थापन एवं एक सप्ताह पूर्व 19 जून को फार्मासिस्ट का पदस्थापन किया गया. लेकिन अस्पताल भवन एवं इसके परिसर में साफ-सफाई नहीं होने, बिजली-पानी, दवा, नर्स, रात्रि प्रहरी का पदस्थापन नहीं होने के कारण अभी नये भवन में शिफ्ट नहीं हो रहे.

80 हजार की आबादी को नहीं मिल रहा है लाभ

केतार गढ़वा जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा है. वर्ष 2008 में भवनाथपुर से अलग होकर केतार प्रखंड अस्तित्व में आया. प्रखंड गठन के 16 वर्ष बीत जाने के बाद यहां की 80 हजार की आबादी स्वास्थ्य सुविधा से वंचित है. लोग स्वास्थ्य सुविधा को लेकर लंबे समय से मांग करते हैं आ रहे हैं, पर राशि खर्च होने के बाद भी लोगों को सुविधा नहीं मिली. स्थिति यह है कि बीमार लोगों को अभी भी इलाज के लिए 15 किलोमीटर दूर भवनाथपुर जाना पड़ता है या गांव में ही झोलाछाप डॉक्टर से दवा कराने को मजबूर होते हैं. यहां दुर्घटना के समय बाहर जाने के लिए साधन नहीं मिलने एवं समय के अभाव में घायलों की मौत हो जाती है. मारपीट की घटना में इंज्यूरी के लिए भी गंभीरावस्था में भवनाथपुर जाना पड़ता है.

डीसी के निर्देश के बाद जगी है उम्मीद

डीसी दिनेश कुमार यादव की प्राथमिकता में स्वास्थ्य व्यवस्था में अपेक्षित सुधार करना है. जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षा व सुविधा का मामला उठा था, जिस पर डीसी ने सिविल सर्जन को मामले का निष्पादन करने का निर्देश दिया है. ऐसे में केतार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन जैसे मामले के सुलझने की उम्मीद स्वाभाविक है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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