धुरकी. उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे धुरकी प्रखंड की खुटिया पंचायत स्थित परासपानी गांव के घोड़पाथर टोले में आजादी के बाद अब तक बिजली नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि बिजली नहीं रहने से ढीबरी, लालटेन व सोलर के सहारे जीवन जीने का विवश हैं. इस टोले में करीब 50 घर है तथा आबादी लगभग 200 है. टोले में ज्यादातर आदिम जनजाति परिवार के लोग रहते हैं. उल्लेखनीय है कि इस टोले के लोग करीब दो किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के बरखोरहा गांव जाकर अपना मोबाइल फोन रिचार्ज कराते हैं. यह अलग बात है कि इसके लिए ग्रामीणों को कोई पैसा नहीं देने पड़ते. परिचित लोगों के घर में जाकर ये लोग मोबाइल जार्च कर लेते हैं. इधर बिजली से संबंधित कार्य (वेल्डिंग व अन्य) कराने के लिए भी घोड़पाथर के लोगों को उत्तर प्रदेश जाना पड़ता है. यदि इस टोले पर बिजली पहुंच गयी, तो ग्रामीणों को काफी सहूलियत होगी. अभी बिजली के अभाव में ग्रामीण पंप सेट से खेती नहीं कर पा रहे हैं. …………………………………………………… बिजली के पोल गिराये गये, ग्रामीणों में खुशी घोड़पाथर टोले में अब शायद बिजली पहुंचायी जायेगी. टोले में बिजली के पोल गिराये गये हैं. इससे ग्रामीणों में बिजली आने को लेकर नयी उम्मीद जगी है. दरअसल इस टोले में बिजली पहुंचाने के लिए पहली बार यह पहल हो रही है. पोल गिरने के बाद ग्रामीणों में खुशी है. ग्रामीण सकलदीप कोरवा, रामनाथ गोड़, समपत कोरवा व रामप्रीत कोरवा सहित अन्य लोगों ने इसे लेकर खुशी जतायी है.
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