आजसू विधानसभा प्रभारी यशोदा देवी सहित कार्यकर्ताओं क्रांतिकारियों की गाथा लोगों तक पहुंचाने का संकल्प लिया. वक्ताओं ने कहा कि यह आंदोलन ना केवल ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ था, बल्कि अन्याय, शोषण और दमन के विरुद्ध आदिवासी अस्मिता की पहली बड़ी आवाज थी. यशोदा देवी ने कहा कि सिदो-कान्हू का बलिदान हमें अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने की प्रेरणा देता है. झारखंड की माटी को बचाने के लिए हम सबको मिलकर आगे बढ़ना होगा. मौके पर आजसू प्रखंड अध्यक्ष सतीश महतो, दुलारचंद महतो, पिंटू महतो, प्रेमचंद महतो, दामोदर महतो, डालेश्वर महतो, सूरज कुमार, महेश वर्मा, दौलत महतो, अवन कुमार, दीपक कुमार, महेश शर्मा, बबलू कुमार, पप्पू कुमार आदि उपस्थित थे.
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