भगवान सुपार्श्वनाथ स्वामी जी के मोक्षस्थल में तैयार प्रभास कूटस्थल में विराजमान प्रभु का चरण पादुका का जल व पंचामृत से अभिषेक व पूजन विधान कर वंदना की गयी. वहीं पर्वत के नीचे तलहटी में बसे दर्जनों स्थानों पर भी जन्म व तप कल्याणक महोत्सव बड़े ही श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया. गुणायतन न्यास में विराजमान मुनिश्री समता सागर महाराज ने अपने मंगल प्रवचन में धर्म सभा में उपस्थित श्रद्धालुओं को तीर्थकर भगवान के जन्म कल्याणक व तप कल्याणक के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बनारस नगर में विशाखा नक्षत्र में मातारानी पृथ्वीमती ने तीर्थंकर को जन्म दिया था. सुपार्श्वनाथ भगवान का प्रथम आहार सोमखेट नाम के नगर में राजा श्री महेंद्र दत्त जी ने दिया था. कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे.
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