जिले में चरमरायी हुई जनवितरण प्रणाली व्यवस्था को झारखंड राज्य खाद्य आयोग ने गंभीरता से लिया है. आयोग ने अनाज वितरण में की जा रही गड़बड़ी को संज्ञान लेते हुए गिरिडीह जिला प्रशासन को नोटिस जारी किया है. इस संबंध में आयोग के अध्यक्ष हिमांशु शेखर चौधरी ने प्रभात खबर में छपी खबरों पर संज्ञान लेते हुए गिरिडीह के उपायुक्त को जांच प्रतिवेदन सात दिनों के अंदर समर्पित करने का आदेश दिया है. बता दें कि पिछले कई माह से प्रभात खबर ने गिरिडीह में चरमरायी हुई जनवितरण प्रणाली व्यवस्था को उजागर कर रहा है और कार्डधारियों को निर्धारित व नियमित रूप से अनाज नहीं मिलने का मामला उठा रहा है. पिछले दिनों प्रभात खबर ने यह भी खुलासा किया कि गिरिडीह जिले में पीडीएस का 87 हजार क्विंटल अनाज गायब है. श्री चौधरी ने गिरिडीह के उपायुक्त को भेजे पत्र में कहा है कि गिरिडीह जिला में जनवितरण प्रणाली में व्याप्त अनियमितता पर कई खबरें प्रभात खबर में लगातार प्रकाशित हो रही है. इन खबरों की कतरनों की प्रति आपको प्रेषित करते हुए निर्देश दिया जाता है कि आप अपर समाहर्ता सह जिला शिकायत निवारण पदाधिकारी से खबरों में उल्लेखित सभी अनियमितताओं की विस्तृत जांच कर अपना जांच प्रतिवेदन आयोग को सात दिनों में समर्पित कराना सुनिश्चित करेंगे. बता दें कि बगोदर के माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने भी जनवितरण प्रणाली की खराब व्यवस्था पर कई सवाल उठाते हुए आयोग को हस्तक्षेप करने की मांग की थी.
कई प्रखंडों में डीलरों को अगस्त माह का भी नहीं मिला है अनाज :
प्रति क्विंटल पांच किलो अनाज की हो रही है हेराफेरी :
खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के तहत सभी को वजन करने के उपरांत ही अनाज देना है. डीलर के द्वारा कार्डधारियों को अनाज वजन कर देने की व्यवस्था तो की गयी है, लेकिन जिले में राज्य सरकार के एसएफसी गोदामों में कहीं नहीं वजन की व्यवस्था है. इसी प्रकार डीएसडी संवेदकों द्वारा भी डीलरों को वजन कर अनाज नहीं दिया जाता है. यह खुलासा पिछले दिनों गिरिडीह प्रखंड के एसएफसी गोदाम में हो चुकी है. एक डीलर ने कम वजन देने के साथ-साथ गिरिडीह प्रखंड के एसएफसी गोदाम की कई अनियमितताओं को भी उजागर किया था. मिली जानकारी के अनुसार प्रति क्विंटल पांच किलो अनाज की हेराफेरी की जा रही है. यानि गिरिडीह में कुल आवंटन 1,12,836 क्विंटल के विरूद्ध 5642 क्विंटल अनाज की हेराफेरी हो रही है जिसका बाजार मूल्य लगभग डेढ़ करोड़ से भी उपर है. इस प्रकार यह डेढ़ करोड़ की राशि इस सिस्टम में शामिल लोगों को हासिल हो रहा है. मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश डीलरों द्वारा प्रति क्विंटल साढ़े तीन केजी अनाज की हेराफेरी वजन में की जा रही है. वहीं बोरा का लगभग 650 ग्राम प्रति बैग यानि एक क्विंटल पर डेढ़ किलो वजन डीलरों को कम मिलता है. डीलरों का कहना है कि इस प्रकार कुल पांच किलो वजन प्रति क्विंटल उन्हें कम दिया जा रहा है.
डीएसडी संवेदक कर रहे हैं मनमानी : फेडरेशन
जविप्र व्यवस्था में हो रही अनियमितताएं
1. निर्धारित समय पर नहीं हो रहा है अनाज का वितरण
4. डीलर को भी डीएसडी वाले कम मात्रा में देते हैं अनाज5. बोरा का वजन नहीं घटाया जाता
8. अवैध तरीके से 2588 ग्रीन कार्ड बदल दिये गये लाल कार्ड में9. करार के मुताबिक डीएसडी संवेदक नहीं करते वाहनों का इस्तेमाल
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