इस दौरान जिले में चल रही सभी मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ियों, बसों एवं निजी विद्यालयों की स्कूल बसों का गहन निरीक्षण किया गया. जांच अभियान विभिन्न स्थानों पर एक साथ चलाया गया, जिसमें परिवहन विभाग की पूरी टीम सक्रिय रही. निरीक्षण के क्रम में वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र, वैध बीमा, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र, चालक का वैध ड्राइविंग लाइसेंस, निर्धारित मानकों के अनुसार अग्निशमन यंत्र की उपलब्धता, फर्स्ट-एड बॉक्स, स्पीड गवर्नर एवं बच्चों की सुरक्षा से संबंधित सभी मापदंडों की जांच की गई. मोटरयान निरीक्षक कमल किशोर ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ियां और समांन बसें ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन का प्रमुख साधन हैं, ऐसे में उनकी तकनीकी स्थिति और कागजातों की वैधता की समय-समय पर जांच आवश्यक है. वहीं, स्कूल बसों की जांच बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर अत्यंत जरूरी है. उन्होंने बताया कि जिन वाहनों में खामियां पाई गईं, उन्हें तुरंत सुधार के निर्देश दिए गए हैं. कुछ वाहनों को चेतावनी दी गई है, जबकि गंभीर अनियमितताओं वाले वाहनों के विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई भी की जा रही है. कहा कि विभाग द्वारा यह जांच अभियान आगे भी जारी रहेगा, ताकि जिले में चल रहे सभी सार्वजनिक व निजी वाहनों की स्थिति नियंत्रण में रहे और सड़क सुरक्षा के नियमों का पूरी तरह से पालन हो सके. इस अभियान के दौरान जिला परिवहन कार्यालय के कई अन्य पदाधिकारी व कर्मी भी उपस्थित थे.
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