मीरी-पीरी के मालिक थे गुरु हरगोबिंद साहिब, धर्म की रक्षा के लिए धारण की तलवार : गुणवंत सिंह मोगिंया
सबद-कीर्तन सुनकर संगत हुई निहाल, लंगर का किया गया
आयोजन
सबसे पहले गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने ही धारण किया था कृपाणहरगोबिंद जी ने मुगलों के अत्याचार से पीड़ित अनुयायियों में इच्छा शक्ति व आत्मविश्वास पैदा किया. वे पहले गुरु थे जिन्होंने सबसे पहले कृपाण धारण की थी. उन्होंने लाल किले में कैद 70 राजाओं को छुड़ाने का काम किया था. अमृतसर में अकाल तख्त की सर्जना उन्होंने की थी. गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने एक मजबूत सिख सेना विकसित की. और सिख धर्म को उसका सैन्य चरित्र दिया. प्रकाश पर्व में लंगर की सेवा गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा के पूर्व प्रधान अमरजीत सिंह सलूजा व उनके परिवार की ओर से की गई थी. मौके पर पूर्व प्रधान सरदार अमरजीत सिंह सलूजा, गुरुसिंह सभा के सचिव नरेंद्र सिंह सलूजा ऊर्फ सम्मी, चरणजीत सिंह सलूजा, त्रिलोचन सिंह, पूर्व प्रधान देवेंद्र सिंह, तरणजीत सिंह सलूजा, सतविंदर सिंह सलूजा, गुरभेज सिंह कालरा, ऋषि सलूजा, जोरावर सिंह सलूजा, ऋषि चावला, राजेंद्र सिंह बग्गा, राजू चावला, गुरविंदर सिंह सलूजा, भूपेंद्र सिंह दुआ, कुशल सलूजा, अंकित सिंह बग्गा, रतन गुप्ता, समेत समाज के महिला पुरूष व बच्चे मौजूद थे.
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