सात सूत्री मांगों पूरी नहीं होने पर आक्रोश, मरीजों को इलाज में परेशानी
स्वास्थ्य कर्मियों की मांगें
आउटसोर्सिंग कर्मियों की मांगों में अप्रैल और मई माह का बायोमीट्रिक के नाम पर काटा गया मानदेय पूरा देना, इपीएफ और इएसआई में कंपनी द्वारा की जा रही गड़बड़ी की जांच, जिनका कार्ड नहीं बना है, उन्हें तत्काल कार्ड उपलब्ध कराने, प्रत्येक माह सैलरी स्ली देने, समय पर वेतन भुगतान, वर्ष 2023, 2024 और 2025 का बोनस, तकनीकी डिग्रीधारी कर्मियों को कुशल श्रेणी में शामिल कर कुशल कर्मी का वेतन देने, डिमोट किये गये कंप्यूटर ऑपरेटरों को पुनः उसी पद पर बिना शर्त बहाल करने, सुपरवाइजर द्वारा सवाल पूछने पर कर्मियों को धमकाने और ट्रांसफर करने की धमकी की जांच कर कार्रवाई शामिल है.स्वास्थ्य सेवाएं हुईं प्रभावित
आउटसोर्सिंग स्वास्थ्यकर्मियों के अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का असर स्वास्थ्य सेवा पर दिखी. सोमवार से शुरू हुए इस आंदोलन से सदर अस्पताल से लेकर प्रखंड स्तर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक की सेवा प्रभावित हुई. मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानी हुई. मालूम रहे कि जिले के 700 आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मी ना केवल पंजीयन और कंप्यूटर संचालन का काम संभालते हैं, बल्कि लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वॉय, सफाई व सहायक जिम्मेदारी भी निभाते हैं.
नियमानुसार की जायेगी मांग पूपी : सिविल सर्जन
आउटसोर्सिंग स्वास्थ्यकर्मियों के अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर सिविल सर्जन डॉ शिव प्रसाद मिश्रा ने कहा सोमवार को स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा सात सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया गया था. उन्हें वार्ता के लिए कार्यालय बुलाया गया है, ताकि उनकी समस्याओं को विस्तार से सुना जा सके. कहा जो भी नियमानुसार मांगें पूरी की जायेंगी. जो कर्मी निर्धारित समय पर अनुपस्थित रहे हैं, उनका वेतन में काटा जायेगी.
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