जमुआ प्रखंड में बिजली की लचर व्यवस्था से ग्रामीण उपभोक्ता आक्रोशित हैं. थोड़ी सी बारिश व हवा चलने से जगह-जगह तार टूट जाते हैं. इंसुलेटर फट जाता है. कई बार इंसुलेटर व अन्य उपकरण विभाग उपलब्ध भी नहीं कराता. ट्रांसफॉर्मर जलने पर ग्रामीण आपस में चंदा कर राशि देते हैं. इसके बाद उन्हें ट्रांसफॉर्मर मिलता है. अब इस समस्या से निबटने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों ने उपभोक्ताओं के साथ मिलकर जनसंघर्ष मोर्चा का गठन किया है. इसका मुख्य उद्देश्य बिजली संकट से निजात पाना है. चुंगलखार फीडर में प्रतिदिन कहीं न कहीं तार टूटकर गिर रहा है. झारखंडधाम फीडर और धुरगड़गी फीडर का यही हाल है. 24-24 घंटे बिजली नहीं रहती है. आती भी है, तो घंटे दो घंटे में गुल हो जाती है. पता चलता है कि तार टूटने के कारण अभी शटडाउन लिया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि झारखंड से सटे बिहार और बंगाल में लगातार बिजली रहती है, लेकिन जमुआ क्षेत्र में हवा के झोंके में बिजली गायब हो जाती ह
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