Giridih News :झमाझम बारिश के बीच सरिया में निकली रथयात्रा

Giridih News :बड़की सरिया नगर पंचायत क्षेत्र के काली मंडा रोड स्थित वसु श्री कोठी से शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा निकाली गयी. इसमें काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए. स्थानीय कलाकारों द्वारा रथ को आकर्षक रूप से सजाया गया था. उस पर भगवान जगन्नाथ स्वामी, बड़े भैया बलराम तथा बहन सुभद्रा को पंचामृत से स्नान कराया गया. उन्हें नये परिधान में सुसज्जित कर शृंगार किया गया.

By PRADEEP KUMAR | June 27, 2025 11:29 PM
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बड़की सरिया नगर पंचायत क्षेत्र के काली मंडा रोड स्थित वसु श्री कोठी से शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा निकाली गई. इसमें काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए. स्थानीय कलाकारों द्वारा रथ को आकर्षक रूप से सजाया गया था. उस पर भगवान जगन्नाथ स्वामी, बड़े भैया बलराम तथा बहन सुभद्रा को पंचामृत से स्नान कराया गया. उन्हें नए परिधान में सुसज्जित कर श्रृंगार किया गया. रथ पर बैठकर उनकी पूजा आरती की गई व भोग निवेदन किया गया. इसके पश्चात नौ दिनों के प्रवास पर भगवान मौसी बाड़ी के लिए निकले. श्रद्धालु जगन्नाथ स्वामी के रथ को खींचकर काली मंडा रोड, झंडा चौक होते हुए श्री विष्णु मंदिर पहुंचे. इस बीच जय जगन्नाथ, जगन्नाथ स्वामी की जय, कृष्ण भगवान की जय, बलभद्र भैया की जय, सुभद्रा महारानी की जय आदि का उद्घोष होता रहा. ढोल बाजे, शंख, घड़ी, घंटी आदि विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्र की ध्वनि होती रही. भगवान के जयकारे तथा वाद्य यंत्रों की ध्वनि से क्षेत्र भक्ति में तथा गूंजायमान हो उठा. रिमझिम बारिश के बीच भी लोगों में काफी उत्साह देखा गया. भगवान के दर्शन के लिए आनंद से अभिभूत लोग अपने-अपने घरों के सामने खड़े देखे गए. बताया जाता है कि इस रथ यात्रा में शामिल होने तथा रथ को खींचने से जीवन के जाने-अनजाने सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. रथ के श्री विष्णु मंदिर पहुंचने के पश्चात वहां के पुजारी शंकर पांडेय द्वारा रथ की अगवानी की गयी. भगवान की आरती उतार कर उनको सिंहासन पर विराजमान किया गया, जहां नौ दिनों तक विशेष रूप से त्रिसंध्या, पूजन, आरती व भोग निवेदन होगा. प्रवास संपन्न होने के साथ ही भगवान को पुनः वापस मंदिर ले जाया जाएगा. इस संबंध में पुजारी शंकर पांडेय ने बताया कि जगन्नाथ स्वामी बैकुंठधाम से पृथ्वी लोक में भ्रमण करने के लिए आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को अपने बड़े भैया बलराम तथा बहन सुभद्रा के साथ 9 दिनों के प्रवास पर आते हैं. वे बद्रिकाश्रम में स्नान करते हैं, जगन्नाथ पुरी में भोजन तथा द्वारिका में शयन करते हैं.

पापनाशक है महाप्रभु के रथ का दर्शन

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