कबीर की वाणी वास्तव में खालिस अमृत है : सद्गुरु मां ज्ञान
सद्गुरु कबीर साहब साखी दर्पण भाग दो का विमोचन
इसके बाद लोक प्राकट्य महोत्सव मनाया गया. इसमें सद्गुरु कबीर साहब के वाराणसी के लहरतारा सरोवर में कमल पुष्प पर अवतरण की अलौकिक घटना की जीवंत प्रस्तुति दी गयी. इसके बाद बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति किया. इस दौरान सद्गुरु कबीर साहब साखी दर्पण भाग दो का विमोचन मां ज्ञान ने किया. द्वारा किया गया. बताया गया कि इसमें सद्गुरु कबीर के जीवन उथानक साखियों को बहुत सरल व्याख्या मां ज्ञान ने की है. मां ज्ञान ने कहा कि कबीर साहब कोई पंथ प्रचारक नहीं थे. वह युगों से सोए मानव को झकझोर कर जगाने आये थे. वह शास्त्रों की नहीं, अनुभव की बात बोले. आडंबर, पाखंड और कुरीतियों से मानव समाज को ऊपर उठाकर सच्चे धर्म का पाठ पढ़ाया. उन्होंने ढाई आखर प्रेम का संदेश दिया. कबीर का जन्म, जीवन और निर्वाण तीनों दिव्य है. दोपहर में नाट्य मंचन, बाल्य प्रस्तुति तथा संतों भक्तों के उद्बोधन व शाम में भजन संध्या का आयोजन किया गया. कबीर के भजनों से वातावरण गुंजायमान हो गया. महाआरती व भंडारे के साथ कार्यक्रम की पूर्णाहुति हुई.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है