Giridih News :पानी और सड़क की बदहाली से त्रस्त हैं गादी श्रीरामपुर के लोग
Giridih News :सदर प्रखंड अंतर्गत गादी श्रीरामपुर गांव में बुधवार को प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस विशेष पहल के तहत प्रभात खबर की टीम गांव पहुंची और ग्रामीणों से सीधे संवाद स्थापित किया. कार्यक्रम के दौरान काफी संख्या में ग्रामीण जुटे और उन्होंने गांव की मूलभूत समस्याओं को खुलकर रखा. ग्रामीणों ने सबसे गंभीर समस्या पेयजल और जर्जर सड़कों की बतायी.
By PRADEEP KUMAR | July 23, 2025 11:49 PM
प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में ग्रामीणों ने सुनाई परेशानी
सदर प्रखंड अंतर्गत गादी श्रीरामपुर गांव में बुधवार को प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस विशेष पहल के तहत प्रभात खबर की टीम गांव पहुंची और ग्रामीणों से सीधे संवाद स्थापित किया. कार्यक्रम के दौरान काफी संख्या में ग्रामीण जुटे और उन्होंने गांव की मूलभूत समस्याओं को खुलकर रखा. ग्रामीणों ने सबसे गंभीर समस्या पेयजल और जर्जर सड़कों की बतायी. ग्रामीणों ने बताया कि आज भी गांव में पीने के साफ पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है. उन्हें दूर-दराज से पानी लाना पड़ता है, जबकि कई बार स्नान और अन्य घरेलू जरूरतों के लिए गांव का तालाब ही उनका सहारा बनता है. ग्रामीणों ने कहा कि पुरुष तो जैसे-तैसे तालाब से नहा-धोकर काम चला लेते हैं, लेकिन महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी होती है. तालाब पर जाना उनकी गरिमा और सुरक्षा दोनों के लिए चुनौती बन चुका है. महिलाओं को खुले में स्नान या पानी भरने जाना बेहद असहज और असुरक्षित लगता है. सड़क व्यवस्था को लेकर भी ग्रामीणों में गहरी नाराजगी दिखी. उन्होंने कहा कि कुछ इलाकों में सड़कें ठीक-ठाक हैं, लेकिन कई सड़कें ऐसी हैं, जहां पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. विशेषकर बरसात के मौसम में हालात और भी खराब हो जाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक सरकारी स्कूल है, जहां बड़ी संख्या में बच्चे पढ़ने आते हैं. लेकिन बारिश के दिनों में स्कूल जाने वाला मुख्य रास्ता जलमग्न हो जाता है. कीचड़ और पानी से लबालब भरी सड़कें बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार से मांग की कि गांव की इन बुनियादी समस्याओं की ओर तुरंत ध्यान दिया जाए.
पानी टंकी बनी शोभा की वस्तु
ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों पहले पेयजल संकट को दूर करने के उद्देश्य से एक पानी टंकी का निर्माण कराया गया था. लेकिन आज वही टंकी बंद पड़े एक शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. ग्रामीणों ने बताया कि यह पानी टंकी बीते तीन से चार वर्षों से बंद है. इस पर न तो किसी विभाग की नजर गई और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने इसे चालू करवाने की दिशा में कोई गंभीर प्रयास किया. गांव के बुजुर्गों ने बताया कि पिछली बार पंचायत चुनाव के दौरान कुछ दिनों के लिए इस टंकी को दुरुस्त किया गया था, जिससे कुछ समय तक पानी की आपूर्ति भी हुई. लेकिन चुनाव समाप्त होते ही सारी व्यवस्था फिर से चरमरा गई और टंकी फिर से बंद हो गई. ग्रामीणों का कहना है कि इस मुद्दे को लेकर कई बार आवेदन और पत्राचार भी किया गया, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन मिले हैं, काम कुछ नहीं हुआ. हर बार अधिकारी और जनप्रतिनिधि गांव का नाम सुनते ही चुप्पी साध लेते हैं. पेयजल व्यवस्था चरमरा जाने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के समय नेता वादे तो खूब करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई भी इस गांव की सुध नहीं लेता. आज तक कोई भी स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है.
ठेकेदार की लापरवाही से ठप हुई जलापूर्ति
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