पुलिस सूत्रों के अनुसार सूचना के आधार पर गांडेय थाना क्षेत्र के एक गांव में छापेमारी की गयी थी. वहां तीन संदिग्धों की मौजूदगी की पुलिस को सूचना थी, पर उनमें से एक पुलिस को चकमा देकर भाग निकला. हिरासत में लिये गये दोनों युवक तकनीकी रूप से दक्ष बताये जाते हैं. वो पैनल क्रिएटर के रूप में काम कर रहे थे. वो लोग विशेष तरह की एपीके फाइल बनाकर साइबर ठगों को तीन से दस हजार रुपये में बेचते थे. उन फाइलों की मदद से साइबर अपराधी धोखाधड़ी की विभिन्न घटनाओं को अंजाम देते हैं. बताया गया है कि उक्त आरोपी साइबर क्राइम की ट्रेनिंग भी देते थे. समय-समय पर दूसरे राज्यों से प्रशिक्षित अपराधी आकर उन्हें नयी तकनीक सिखाते थे. पुलिस सूत्रों की मानें तो पिछले एक महीने में करीब 20 लाख की ठगी की गयी है. हालांकि, साइबर डीएसपी आबिद खान से इस संबंध में कुछ भी बताने से इनकार किया.
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