पीरटांड प्रखंड अंतर्गत कठवारा मे बायो डायवर्सिटी के रूप मे इलाके को बड़ी सौगात मिली है. जमशेदपुर की तर्ज पर यहां बायो डायवर्सिटी पार्क का निर्माण हो रहा है. इसका तेजी से काम भी चल रहा है. बताया जा रहा है कि आगामी एक वर्ष के अंदर इसका स्वरूप दिखना शुरू हो जायेगा. इस दौरान मंत्री ने बताया कि बायो डायवर्सिटी पार्क के बाद उम्मीद है कि जल्द ही सडक की दूसरी दिशा में चिड़ियाघर बनने का कार्य भी शुरू हो जाये. इसके लिये प्रस्ताव भेजा गया है. यह वन विभाग के एनुअल प्लान में भी है. कहा कि मेरा प्रयास है कि ओरमांझी के बाद पहला चिड़ियाघर गिरिडीह में बने, ताकि गिरिडीह व आसपास के लोग घूमें, समय बितायें और वनभोज का आनंद लें, यहां के खान पान का स्वाद लेते हुए मधुर स्मृति लेकर जायें. मंत्री ने कहा यह कि बराकर नदी तट से सटा हुआ है. गिरिडीह मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर गिरिडीह रांची पथ पर और मधुबन से दस किलोमीटर की दूरी पर यह योजना लाई गई है, ताकि लोग यहां समय व्यतीत कर सकें. वन विभाग के पदाधिकारी ने बताया कि बायो डायवर्सिटी पार्क में कई सुविधाएं यहां होंगी. साथ ही लोगों के मनोरंजन के भी कई साधन होंगे. विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधों से भरा यह पार्क गिरिडीह की पहचान होगी. इस पार्क के अंदर रेस्ट हाउस, कांफ्रेंस हॉल, ओपेन जीम, बंबू क्राफ्ट, आम बगान, रोज गार्डेन, नक्षत्र वाटिका, नवग्रह वन, केफेटेरिया सहित अन्य कई आकर्षण के केंद्र होंगे. संभावना जतायी जा रही है कि आने वाले एक वर्ष में यहां बहुत बदलाव होगा. यह पार्क पर्यटकों और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगा.
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