गांव की आबादी 100 के करीब है. गांव में बगल में ही आधा दर्जन से अधिक फैक्ट्री संचालित हैं बावजूद ग्रामीण गिरिडीह शहर में मजदूरी करने को विवश हैं. इस गांव में जाने के लिए पगडंडी ही सहारा है. ग्रामीणों के लिए पानी की भी समस्या है. पानी के लिए गांव में एकमात्र चापाकल ही सहारा है. नल जल योजना के तहत यहां स्ट्रक्चर जरूर खड़ा किया गया है, लेकिन ग्रामीणों के घरों में लगाये गये नल में पानी नहीं आता है. पानी के लिए चापाकल पर आश्रित है जिसकी स्थिति भी ठीक नहीं है. कब चापाकल खराब हो जायेगी इसकी चिंता में ग्रामीण परेशान रहते हैं.
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