गुमला. जिले के घाघरा प्रखंड में सेहल लावादाग है. लावादाग में ही छोटा टोला चोरलतवा असुरटोली है. यह गांव घने जंगलों के बीच है. गांव तक जाने के लिए चारों तरफ नदी है. अभी बरसात है, नदी में तेज बहाव है. इस कारण गांव पहुंचने के लिए करीब दो किमी पैदन चलना पड़ता है. इस असुरटोली गांव में शनिवार की सुबह आठ बजे से पौने नौ बजे तक पुलिस व जेजेएमपी के उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई. ग्रामीण जैसा बताते हैं कि पांच उग्रवादी पहले से गांव में थे. वे लोग शुक्रवार की रात को जंगल से सटे एक घर में सोये थे. शनिवार की सुबह को सभी उग्रवादी सोकर उठे और वर्दीधारी ड्रेस पहने. कंधे में हथियार टांग कर वे किसी दूसरे ठिकाने की ओर जाने वाले थे, तभी एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव के नेतृत्व में झारखंड जगुवार व स्पेशल नक्सल क्यूआरटी की टीम असुरटोली में उग्रवादियों को खोजते हुए घुस गयी. जिस समय पुलिस फोर्स गांव में घुसा. उस समय सभी उग्रवादी गांव में ही थे. पुलिस को देखते उग्रवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की. इसमें गांव में ही सब जोनल कमांडर दिलीप लोहरा को गोली लगी और वह ढेर गया. दिलीप के गोली लगते अन्य चार नक्सली गांव से निकल कर जंगल की ओर भागे. पुलिस भी उग्रवादियों के पीछे भागी और गांव से सटे खेत के समीप दो उग्रवादियों को और मुठभेड़ में मार गिराया. ग्रामीणों ने कहा कि जैसे ही गोली चली, हम अपने बाल-बच्चों को लेकर घर में घुस गये. क्योंकि पुलिस तो उग्रवादियों को निशाना बना रही थी. लेकिन उग्रवादी अंधाधुंध फायरिंग कर रहे थे, जिससे हमलोग डर गये थे. मुठभेड़ करीब 45 मिनट चली. लेकिन ग्रामीण करीब डेढ़ घंटे तक घर में ही डर से दुबके रहे.
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