गुमला. जिला शिक्षा विभाग गुमला की मासिक समीक्षा बैठक सोमवार को डीडीसी दिलेश्वर महतो की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार चंदाली में हुई. बैठक में जानकारी दी गयी कि जिले के लगभग 85% शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं, लेकिन चैनपुर, डुमरी और जारी प्रखंडों में अनुपालन बेहद कम है. इस पर डीडीसी ने इन प्रखंडों के शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया. राज्य स्तरीय सीपीडी प्रशिक्षण पूरा नहीं करने वाले शिक्षकों से भी जवाब तलब किया जायेगा. साथ ही बच्चों के बैंक खातों की एनपीसीआइ मैपिंग को लेकर 16 जुलाई से सभी प्रखंडों में कार्य पूरा करने के लिए बैंकों से समन्वय स्थापित करने और आवश्यकता अनुसार सीआरपी/बीआरपी की प्रतिनियुक्ति करने के निर्देश दिये गये. बैठक में डीइओ कविता खलखो, डीएसइ नूर आलम खां सहित सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, सहायक अभियंता व अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.
नवभारत साक्षरता कार्यक्रम में गुमला की प्रगति बेहद धीमी
नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की समीक्षा में पाया गया कि गुमला जिला राज्य के अन्य जिलों की तुलना में काफी पीछे है. अब तक केवल 1,500 असाक्षर व्यक्तियों की पहचान हुई है. पालकोट, घाघरा और सिसई प्रखंडों की स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है. डीडीसी ने जुलाई के अंत तक व्यापक पहचान और साक्षरता केंद्रों के संचालन हेतु शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये. प्रगति नहीं दिखाने वाले संकुल, प्रखंड व विद्यालयों पर कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी.
प्रोजेक्ट इंपैक्ट और मूल्यांकन में लापरवाही
प्रोजेक्ट इंपैक्ट के अंतर्गत विद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण की समीक्षा में पाया गया कि केवल 10% विद्यालयों ने मूल्यांकन उपरांत प्राप्तांक की ऑनलाइन इंट्री की है. डीडीसी ने एक सप्ताह के भीतर सभी विद्यालयों से शत-प्रतिशत डेटा एंट्री सुनिश्चित करने के निर्देश दिये.
शैक्षणिक सामग्री वितरण और परीक्षा परिणाम पर विशेष जोर
पाठ्यपुस्तक, नोटबुक और स्कूल बैग वितरण की स्थिति की समीक्षा में डीडीसी ने निर्देश दिया कि किसी भी विद्यालय में शैक्षणिक सामग्री अधूरी नहीं रहनी चाहिए, जहां सामग्री बची हो, उसे अन्य प्रखंडों में स्थानांतरित कर उपयोग में लाया जाये. पिछले वर्ष की मैट्रिक परीक्षा के परिणामों के आधार पर कार्ययोजना तैयार कर विशेष रूप से गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषयों पर ध्यान देने को कहा गया.
शिक्षकों की कमी और अन्य निर्देश
उच्च विद्यालयों में शिक्षकों की अनुपलब्धता व प्रतिनियोजन से उत्पन्न समस्याओं पर चिंता जताते हुए डीडीसी ने ऐसे विद्यालयों की सूची तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. साथ ही कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नामांकन वृद्धि, ड्रॉपआउट रोकथाम, असैनिक निर्माण कार्य, यू-डायस डेटा अद्यतन, व्यावसायिक शिक्षा संचालन, विद्यालय प्रबंधन समिति पुनर्गठन और विद्यालयों के अनुश्रवण की नियमितता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये.
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