Baghmunda Waterfall | दुर्जय पासवान, गुमला: गुमला के बसिया प्रखंड में स्थित आकर्षक झरना है, बाघमुंडा जलप्रपात. यह जंगल, नदी एवं पहाड़ के बीच मौजूद प्रकृति की अद्भुत छटा है, जिसके मनमोहक दृश्य सैलानियों को अपनी ओर खींचते हैं. दक्षिण कोयल नदी की इतरा कर बहती जलधारा जब पत्थरों के विशाल ढेर के बीच टकराती है, तो इसकी मधुर आवाज कानों को सुकून देती है. पहाड़ों से टकराने के लिए नदी का पानी तीन दिशाओं में बहता है. इसी वजह से यह खूबसूरत पर्यटन स्थल पिकनिक स्पॉट के रूप में विख्यात है.
कैफेटेरिया और सेल्फी जोन बनेगा
इस आकर्षक जगह पर पूरे साल पर्यटक आते हैं. बाघमुंडा जलप्रपात के प्रति सैलानियों के बढ़ते आकर्षण को देखते हुए गुमला पर्यटन विभाग ने इसके विकास की योजना तैयार की है. पर्यटन विभाग ने बाघमुंडा जलप्रपात के पास कैफेटेरिया बनाने का प्लान तैयार किया है. इसके लिए जमीन की तलाश हो रही है. जैसे ही जमीन मिलेगी. यहां पर्यटकों की सुविधा के अनुसार कैफेटेरिया का निर्माण किया जायेगा. इसके अलावा यहां सेल्फी जोन भी बनेगा, जिससे पर्यटक अपनी सुंदर फोटो नदी की बहती धाराओं के साथ कैमरे व मोबाइल में कैद कर सकेंगे.
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वॉच टावर से निहारेंगे झरने की खूबसूरती
इस मनमोहक पर्यटन स्थल पर वॉच टावर बनाने की भी तैयारी हो रही है. इसके लिए जगह चुन लिया गया है. सैलानी वॉच टावर से बाघमुंडा जलप्रपात के मनोरम दृश्य व आसपास के जंगलों की खूबसूरती को देख सकेंगे. इसके साथ ही बाघमुंडा जलप्रपात में उतरने वाली सीढ़ी में रेलिंग का निर्माण किया जायेगा. अभी सीढ़ी में रेलिंग नहीं होने के कारण पर्यटकों को परेशानी व असुरक्षा महसूस होती है. इसलिए प्रशासन ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सीढ़ी में रेलिंग बनाने की भी योजना तैयार की है.
पार्किंग की होगी व्यवस्था
इसके अलावा जगह जगह पर सूचना बोर्ड लगेगा. जिसमें बाघमुंडा में किस तरफ घूमने जाये और किस तरफ नहीं जाये. इसकी जानकारी सूचना बोर्ड में रहेगा. अभी पर्यटकों में अपनी गाड़ियों को खड़ी करने में परेशानी होती है. इसलिए यहां पार्किंग जोन बनाया जायेगा. जिससे पर्यटक सुरक्षित व बिना परेशानी के अपनी वाहनों को पार्किंग जोन में खड़ा कर सकेंगे.
पर्यटकों को अपनी ओर खींचता जलप्रपात
बाघमुंडा की नदी की तेज धारा व तीन दिशाओं से बहने वाले पानी का अदभुत नजारा सिर्फ बरसात में दिखता है. लेकिन, इस जगह की जो बनावट है. यह लोगों को पूरे साल अपनी ओर खींचती है. यह एक बड़ा कारण है कि गर्मी, सर्दी और बारिश, मौसम चाहे कोई भी हो. यहां सालों भर सैलानियों की भीड़ रहती है. हालांकि, यह पिकनिक स्पॉट भौतिक सुख सुविधाओं से वंचित है. इतना ही नहीं इसके प्रवेश द्वार पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर, राह में स्थित महादेव कोना एवं पास में स्थित धनसिंह टोला जलाशय को जोड़ दें, तो बनने वाले गोल्डन ट्राइंगल का आकर्षण इसे स्वतः विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाने का बोध करने लगता है.
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कैसे पड़ा ‘बाघमुंडा’ नाम
बाघमुंडा जलप्रपात कोयल नदी के पत्थरों के विशाल ढेर के बीच सात धाराओं में परिवर्तित करते तीन अलग-अलग दिशाओं में बहती है. पत्थर के इस विशाल ढेर के बीच एक पत्थर जो कि बाघ के सिर के आकार का है. जिससे टकराकर पानी नदी में गिरती है. इसी कारण इस जलप्रपात का नाम बाघमुंडा पड़ा.
टूरिज्म विभाग की विशेष नजर
इधर, गुमला पर्यटन विभाग विशेषज्ञ शुभम सिंह ने बताया कि बाघमुंडा जलप्रपात में बरसात के बाद कई विकास के काम होंगे. बाघमुंडा में पर्यटकों की सुविधा के अनुसार काम होगा. चूंकि, यह गुमला जिले के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों में से एक है. इसलिए बाघमुंडा के विकास पर टूरिज्म विभाग की विशेष नजर है.
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