भरनो. प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र जौली गांव स्थित राजकीयकृत प्रावि में बुधवार को छात्र-छात्राओं के बीच वितरण करने वाले किताब जला कर एमडीएम बनाने का मामला प्रकाश में आया है. इससे साफ जाहिर होता है कि इस सरकारी विद्यालय में बच्चों को कितना पढ़ाया जाता होगा. विद्यालय में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ तो हो ही रहा है, साथ ही लकड़ी के चूल्हा में खाना बनाना कहां तक सही है. जबकि विभाग की ओर से सख्त निर्देश है कि सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन बनाने के लिए सिर्फ रसोई गैस का उपयोग करना है. किताब फाड़ के मध्याह्न भोजन बनाने वाली रसोइया बिरसमुनी देवी ने बताया कि गैस खत्म हो गया है. इसलिए लकड़ी के चूल्हा में खाना बना रहे हैं. मास्टर साहब द्वारा यह किताब लाकर मुझे दिया गया है. लकड़ी सुलगाने के लिए इसलिए मैं किताब को जला रही हूं कि इसमें कुछ किताबों को दीमक भी खा गया था. बुधवार को रसोइया द्वारा मेन्यू के हिसाब से चावल, दाल और सोयाबीन बरी व आलू की सब्जी बनायी जा रही थी. सरकारी शिक्षक राजेश खेस प्रभारी एचएम है. जबकि एक पारा शिक्षक कुचडू उरांव कार्यरत हैं. बुधवार को सिर्फ पारा शिक्षक ही विद्यालय में बच्चों को पढ़ा रहे थे, जबकि प्रभारी एचएम ऑफिस के काम से बीआरसी कार्यालय भरनो गये हुए थे.
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