गुमला. गुमला शहर के खड़ियापाड़ा में ग्रामीणों की बैठक हुई. बैठक में आदिवासी जमीनों पर कब्जा करते हुए फर्जी सादा कागज बना कर बांग्लादेशियों को बसाने का विरोध किया गया. बैठक के बाद ग्रामीणों ने गुमला उपायुक्त को लिखित ज्ञापन भी सौंपा है. आदिवासी नेता सुनील केरकेट्टा ने कहा है कि स्थानीय ग्रामीणों ने खड़ियापाड़ा में 3.01 एकड़ आदिवासी भूमि पर गैर आदिवासी समुदाय (कथित बांग्लादेशी प्रवासी) द्वारा अवैध रूप से कब्जा करने व घर बनाने की शिकायत उपायुक्त गुमला से की है. ग्रामीणों ने उपायुक्त को हस्ताक्षरयुक्त आवेदन सौंपा है. आवेदन में उल्लेखित है कि खड़ियापाड़ा की उक्त भूमि पर गैर कानूनी तरीके से करीब 50 घर बनाये गये हैं. अभी भी उक्त जमीन पर अवैध कब्जा जोरों पर है. वह आदिवासी जमीन है और इसके हस्तांतरण की प्रक्रिया सीएनटी की धारा 46 (क) के अंतर्गत होनी है. इसमें उपायुक्त की अनुमति अनिवार्य है. लेकिन इस नियम को धता बता कर भूमि को कुछ दलालों द्वारा अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी प्रवासियों को बसाने के लिए एक षडयंत्र के तहत एग्रीमेंट किया जा रहा है और बड़े पैमाने पर गृह निर्माण किया जा रहा है. उक्त भूमि पर रोमन कैथोलिक व जीइएल कब्रिस्तान व एक धार्मिक स्थल भी है. इन सभी के बीच गैर आदिवासी समुदाय को वहां बसाने से गांव के परिवेश में बदलाव देखने को मिल रहा है. आवेदन में उल्लेखित है कि उक्त जमीन विवादित है, जिसका मामला व्यवहार न्यायालय गुमला में लंबित है. ग्रामीणों ने उक्त आदिवासी खाते की भूमि पर गैर आदिवासी व्यक्तियों को कब्जा-दखल व गृह निर्माण करने पर रोक लगाते हुए दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. आवेदन देने वालों में इलियाजर मिंज, अनिल कुजूर, अल्फ्रेड मिंज, प्रभुदान मिंज, अमृत मिंज, प्लासिदियुस मिंज, सुनील बाड़ा, विजय एक्का, विजय केरकेट्टा आदि शामिल हैं.
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