पुर्जा कटवाने में मरीजों व उनके परिजनों को हो रही परेशानी

पुर्जा कटाने के चक्कर में मंगलवार को तीन साल की बच्ची की चली गयी थी जान

By Prabhat Khabar News Desk | July 23, 2025 11:20 PM
feature

गुमला. सदर अस्पताल गुमला में ओपीडी में आनेवाले मरीजों को डिफ्राकेश ऐप व आभा ऐप के माध्यम से ओपीडी पुर्जा लेने व कतार में खड़े होकर रजिस्ट्रेशन कराने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पुर्जा कटाने के चक्कर में मंगलवार को एक तीन साल की बच्ची की जान चली गयी. ज्ञात हो कि गुमला जिला आदिवासी बहुल जिला है. सदर अस्पताल गुमला 100 शैय्या वाला अस्पताल है, लेकिन यहां 400 से अधिक मरीज सदर अस्पताल में इलाज कराने आते हैं. लेकिन डिफ्राकेश ऐप व आभा ऐप के कारण मरीजों के परिजनों को घंटों ओपीडी पुर्जा कटाने के लिए इंतजार करना पड़ता है. सदर अस्पताल गुमला आनेवाले लगभग 30 प्रतिशत मरीज उपरोक्त ऐप का इस्तेमाल करना सीख गये हैं. लेकिन 70 प्रतिशत से अधिक मरीज नहीं सीख पाने व आदिवासी बहुल क्षेत्रों से आने के कारण उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.

पुर्जा कटाने में लग जाता है घंटों समय

प्रभात खबर प्रतिनिधि ने बुधवार को ओपीडी पुर्जा कटाने आये मरीजों से बातचीत की. इसमें डीएसपी रोड निवासी सर्वजीत नायक ने कहा कि लगभग एक घंटे से लाइन में लगे हैं. सर्वर भी काम नहीं कर रहा है. एप्लीकेशन पर ऑनलाइन होने पर भी ओपीडी पुर्जा नहीं निकल रहा है. इसलिए अस्पताल प्रबंधन को इसके लिए कुछ उपाय निकालने की जरूरत है, नहीं तो कई मरीजों की जान चली जायेगी. कलिगा निवासी लीलावती कुमारी ने कहा कि सदर अस्पताल गुमला में लगभग डेढ़ घंटे से महिला रोग विशेषज्ञ से इलाज कराने के लिए लाइन में हूं. लेकिन हम ग्रामीणों को इंटरनेट की जानकारी नहीं होने के कारण पुर्जा नहीं मिल रहा है, जिससे हमें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खड़िया पाड़ा निवासी हीना देवी ने कहा कि हम सभी गरीब परिवार से हैं. हमें इंटरनेट व डिजिटल के बारे में कोई जानकारी नहीं है. हम सभी रोज कमाते व खाते हैं. सदर अस्पताल गुमला में इलाज कराने के लिए आये थे. लेकिन ओपीडी पुर्जा लेने के लिए लगभग दो घंटे से खड़े हैं. लेकिन अभी तक पुर्जा नहीं मिला है. ओपीडी आने के बाद भी इलाज कराने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बिगू बड़ाइक ने कहा कि इलाज कराने आनेवाले मरीजों की ओपीडी पुर्जा कटवाने के लिए सीधी सुविधा होनी चाहिए. लेकिन सरकार द्वारा ऐसी व्यवस्था लागू की गयी है कि समस्या और बढ़ा दी गयी है. इसका निदान करना जरूरी है. जो आदिवासी बहुल जिले के लिए आवश्यक है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

यहां गुमला न्यूज़ (Gumla News) , गुमला हिंदी समाचार (Gumla News in Hindi), ताज़ा गुमला समाचार (Latest Gumla Samachar), गुमला पॉलिटिक्स न्यूज़ (Gumla Politics News), गुमला एजुकेशन न्यूज़ (Gumla Education News), गुमला मौसम न्यूज़ (Gumla Weather News) और गुमला क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version