गुमला. आदिवासी मुद्दों को लेकर गुमला जिले में बंद का व्यापक असर देखा गया. गुमला शहर में जगह-जगह टायर जला कर सड़क जाम किया गया. बाइक चालकों को भी जाम स्थल से पार करने नहीं दिया गया है. आदिवासी समाज के लोगों ने बंद के दौरान अपने तेवर दिखाये. बंद से करोड़ों रुपये का व्यवसाय प्रभावित हुआ है. शहर के टावर चौक, पटेल चौक, दुंदुरिया चौक, टोटो, केओ कॉलेज गुमला व करमडीपा के समीप लोगों ने बीच सड़क पर टायर जला कर आवागमन बाधित किया. साथ ही सैकड़ों की संख्या में हर जगह आदिवासी समाज के लोग बीच सड़क पर बैठ गये. बंद के कारण गुमला शहर का आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित रहा. हालांकि बंद के समर्थन में सभी लोगों ने दुकानें बंद रखीं और बसों का परिचालन नहीं किया. गुमला में बंद का ऐसा असर था कि चाय व पान तक की दुकान नहीं खुली. लोगों को ठंडा पानी की बोतल खरीदने के लिए भी भटकना पड़ा. सुबह में कुछ दुकानें खुली थी. परंतु बंद समर्थकों ने घूम-घूम कर उन दुकानों को बंद करा दिया. बता दें कि गुमला शहर में सुबह सात बजे ही बंद समर्थक सड़क पर उतर आये थे और शहर के प्रमुख मार्गों को जाम कर दिया. बीच सड़क पर पुलिस की बैरिकेडिंग भी लगा दी गयी. उस पर बांस भी बांध दिया गया, जिससे गाड़ी पार न हो. हालांकि इस दौरान कई लोग जाम स्थल से पार करने के लिए गिड़गिड़ाते रहे. परंतु बंद समर्थक उन्हें जाम स्थल से पार होने नहीं दिये. सिर्फ प्रेस, पुलिस, एंबुलेंस व इमरजेंसी मामले में ही वाहन चालकों को जाम स्थल से पार होने की अनुमति दी गयी.
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