सिसई. प्रखंड के टाना भगतों ने मंगलवार को सीओ कार्यालय का घेराव कर दोपहर 12 बजे से चार बजे तक अंचल का कार्य बाधित रखा. जिस समय टाना भगत घेराव करने पहुंचे थे, उस समय सीओ अपने आवास में थे. सूचना मिलते वे भागे भागे ऑफिस पहुंचे. उनके अंदर जाते दर्जनों महिला-पुरुष अंदर घुस आये. उन्हें जगह नहीं मिली, तो वे ऑफिस के बाहर बैठ गये. टाना भगत सीओ ने टाना भगतों पर किये गये झूठे केस वापस लेने व बोंडा के जमींदार की जमीन को पंजी-टू से हटाने की मांग कर रहे थे. टाना भगत आरोप लगा रहे थे कि गुटवा गांव के प्रति गैरमजरूआ जमीन में एक समुदाय द्वारा बीते वर्ष रातोंरात धार्मिक स्थल बना दिया गया था. स्थानीय ग्रामीण समेत टाना भगतों को इसकी जानकारी होने पर वे इसका विरोध किये, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. मौके पर प्रशासन ने पहुंच कर मामले को सुलझाया और धार्मिक स्थल को अवैध बताते हुए दो जून 2024 को जेसीबी लगा कर अपनी निगरानी में ध्वस्त कर दिया था. किंतु सीओ नितेश खलखो दुर्भावना से ग्रसित होकर बंधनु मुंडा, बिहारी मुंडा, शनिचरवा उरांव, चरवा उरांव समेत 10 से 15 लोगों पर नाजायज मजमा बना कर धार्मिक स्थल को तोड़-फोड़ कर धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने व प्रशासनिक आदेश का अवहेलना का आरोप लगा कर जून 2024 में पुसो थाना में झूठा केस दर्ज करा दिया है. सीओ ने केस वापस लेने का आश्वासन दिया. जमाबंदी को हटाने में अपनी कानूनी मजबूरी को समझाया और टाना भगतों को डीसीएलआर कोर्ट जाने की सलाह देने पर भीड़ भड़क उठी. टाना भगत तत्काल पंजी टू से जमींदार का नाम हटाने की मांग पर अड़े रहे. बात बिगड़ती देख थाना प्रभारी संतोष सिंह मौके पर पहुंच कर भीड़ को समझाने का प्रयास किया, किंतु टाना भगत कुछ सुनने को तैयार नहीं थे. कुछ टाना भगतों ने सांसद सुखदेव भगत को फोन कर इसकी शिकायत की. सांसद ने सीओ से फोन पर बात कर मामले को समझने को कहा. इसके बाद एक सप्ताह के अंदर गांव में सांसद की उपस्थिति में बैठक कर मामले को सुलझाने का आश्वासन मिलने पर टाना भगत चार बजे शाम को घेराव वापस ले लिया.
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