
प्रतिनिधि, पालकोट
पालकोट प्रखंड के जीइएल चर्च लामदोन में 13 मंडली से आये 49 युवक युवतियों का पवित्र दृढ़ीकरण संस्कार पादरी सिमोन हेरेंज ने कराया. सर्वप्रथम सभी युवक युवतियों को वेदी के सम्मुख खड़ा करके प्रभु के लिए प्रार्थना करते हुए प्रभु का संदेश को बताया गया. इस दौरान विशेष विनती प्रार्थना करते हुए सभी युवक युवतियों को प्रभु यीशु मसीह के प्रति दृढ़ मजबूत होकर ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा से अपने आप में दृढ होना है. सभी युवक युवतियां दृढ़ीकरण लेने के बाद मंडली, पंच व पेरिस पंच का अधिकार प्राप्त करना है. इसके अलावा डायसिस अधिकार प्राप्त करना, दृढ़ीकरण संस्कार का मतलब होता है. अंत में सभी युवक युवतियों को मंडली व समाज के लोगों ने फूलों का माला पहनाकर स्वागत करते हुए नये जीवन में प्रवेश के लिए सभी को बधाई दिया. पादरी सिमोन हेरेंज ने कहा कि नदी अनवरत सागर की ओर बहती रहती है और समुद्र में जाकर मिलती है. किंतु नदी की धारा बदल जाये तो वह बीच रास्ते में ही भटक जाती है. समुद्र तक नहीं पहुंच पाती है. इसी तरह से मनुष्य का जीवन एक उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ता है. अगर वह बीच में भटक जाता है, तो वह अपने लक्ष्य की प्राप्ति नहीं कर सकता है. मसीह जीवन में भी उस अनंत जीवन को प्राप्त करने के लिए मनुष्य एक लक्ष्य लेकर आगे बढ़ता है. वह स्वर्ग राज्य का अधिकारी हो जाता है. परंतु बीच मार्ग में अर्थात शैतान के मार्ग में भटक जाता हैं, तो उसे अनंत जीवन की प्राप्ति नहीं होती है. मौके पर सुमन केरकेट्टा, चार्जस खाखा, मनोहर केरकेट्टा, विकास टोप्पो, सुधीर एक्का, सुशील कुजूर, अजय कुजूर, मंजू कल्याण टेटे, आलोक जीवन टेटे, विनोद मिंज, तरसियुस केरकेट्टा, अनिमा केरकेट्टा, अमर केरकेट्टा, निमरोद एक्का, विनय लकड़ा, इभा रानी किंडो़, पतरस मिंज, सुशील लकड़ा, सोनी लकड़ा समेत ख्रीस्त विश्वासी मौजूद थे.
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