गुमला. सरना धर्म कोड नहीं, तो झारखंड में जाति जनगणना नहीं के नारे के साथ झामुमो जिला कमेटी ने कचहरी परिसर में धरना-प्रदर्शन किया. इसमें पांच हजार से अधिक झामुमो कार्यकर्ता शामिल हुए. मुख्य अतिथि के रूप में आदिवासी कल्याण मंत्री चमरा लिंडा, गुमला विधायक भूषण तिर्की व सिसई विधायक जिग्गा सुसारन होरो थे. मौके पर मंत्री चमरा लिंडा ने कहा है कि सरना धर्म कोड आदिवासियों की पहचान है, इसे हम लेकर रहेंगे. केंद्र में बैठी सरकार को सरना धर्म कोड देना होगा. उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों को एकजुट होकर अपनी मांगों को रखने व आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया. विधायक जिग्गा सुसारन होरो ने कहा है कि झामुमो की हेमंत सोरेन सरकार लगातार सरना धर्म कोड की मांग कर रही है. यहां तक बिल पास कर केंद्र सरकार के पास भेजी गयी है. इसके बाद भी केंद्र सरकार सरना धर्म कोड नहीं दे रही है. नगर परिषद गुमला के पूर्व उपाध्यक्ष मो कलीम अख्तर ने कहा है कि सभी जाति व धर्म के लोगों का अपना धर्म कोड है. लेकिन आदिवासियों का धर्म कोड नहीं रहना. यह केंद्र में बैठी सरकार की चाल है. झामुमो नेता आरिफ अंसारी ने कहा है कि हमें इस प्रकार एकजुट होकर अपनी बातों को केंद्र सरकार तक पहुंचाना होगा. मंच संचालन रंजीत सिंह सरदार व मो लड्डन ने किया. कार्यक्रम में मोहरलाल उरांव, सुनील उरांव, अभिषेक लकड़ा, संजय सिंह, प्रदीप सिंह समेत अन्य लोग मौजूद थे.
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