गुमला. झारखंड राज्य का विकास तभी होगा, जब राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए झारखंड सरकार गांव के किसानों को ध्यान में रख कर तरह-तरह की योजनाएं चला रही हैं, ताकि किसान योजना का लाभ लेकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सके. उक्त बातें कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने गुरुवार को गुमला में कही. मंत्री केओ कॉलेज गुमला सभागार में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के भूमि संरक्षण निदेशालय रांची के तत्वावधान में आयोजित दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल स्तरीय कृषि यंत्र वितरण कार्यक्रम में संबोधित कर रही थी. मंत्री ने कहा कि गिली मिट्टी की सुगंध से पूरा झारखंड राज्य सुगंधित है. नदी, नालों व तालाबों में पानी लबालब भरा हुआ है. किसान खेतीबारी के काम में लगे हुए हैं, लेकिन कृषि क्षेत्र में बदलाव आ रहा है. ऐसी स्थिति में कृषि यंत्रों को भूमिका अहम होती जा रही है. इसको ध्यान में रख कर झारखंड सरकार द्वारा भूमि संरक्षण विभाग की ओर से किसानों को 50 प्रतिशत से लेकर 90 प्रतिशत तक अनुदान पर कृषि यांत्रिकी सामग्रियां दी जा रही हैं. साथ ही कृषि विभाग, मत्स्य विभाग, पशुपालन विभाग व सहकारिता समेत विभिन्न विभागों के माध्यम से राज्य के किसानों के लिए कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. कृषि विभाग से किसानों को अनुदान पर बीज मुहैया कराया जा रहा है. मत्स्य विभाग की ओर से किसानों को मत्स्य पालन के क्षेत्र में बढ़ावा दिया जा रहा है. पशुपालन विभाग की ओर से किसानों को गाय, बकरी, सुकर, बतख, मुर्गी दी जा रही है. इन सभी योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आर्थिक उन्नति है. मंत्री ने जिले में मत्स्य के क्षेत्र में किये जा रहे बेहतर कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिले में मत्स्य पालन के क्षेत्र में काफी बेहतर कार्य किया जा रहा है. लेकिन इस कार्य को और बेहतर किया जा सकता है. मत्स्य पालक किसानों मछली पालन कर सालाना आठ से 10 लाख रुपये तक कमा रहे हैं. मंत्री ने कार्यक्रम में शामिल प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि अधिकारी किसानों पर किसी एक विशेष कंपनी का ट्रैक्टर अथवा अन्य यांत्रिकी सामग्री लेने के लिए दबाव नहीं बनायें. किसानों की अपनी इच्छा है कि वे कौन सा लेंगे. मंत्री ने किसानों को भी बिचौलियों से सावधान रहने की अपील की. कहा कि जिस सरकार में योजनाएं अधिक होती हैं, वहां बिचौलिये भी अधिक होते हैं. शिकायत मिली है कि योजनाओं के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है. यदि कोई आपको कहता है कि आपकी योजना पास हो गयी है, तो उसके झांसे में बिल्कुल नहीं आयें. आजकल ऑनलाइन वाला फ्रॉड बहुत चल रहा है, इससे सावधान रहें. कार्यक्रम में निदेशक डॉक्टर केपी सिंह, डीडीसी दिलेश्वर महतो, अपर समाहर्ता शशिंद्र कुमार बड़ाइक, कांग्रेस जिलाध्यक्ष चैतू उरांव, डीएओ विजय कुजूर, भूमि संरक्षण पदाधिकारी आशीष प्रताप, डीएफओ कुसुम लता, जिला सहकारिता पदाधिकारी माधुरी बेक, जिला पशुपालन पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह, जिप अध्यक्ष किरण बाड़ा, एसडीओ राजीव कुमार, विधायक प्रतिनिधि मनीष हिंदुस्तान, अफताब आलम लाडले, प्रमुख मीना देवी, मो मोख्तार आदि उपस्थित थे.
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