
बड़कागांव़ कृषि प्रधान बड़कागांव प्रखंड में इस वर्ष खीरा, ककड़ी और तरबूज का बंपर उत्पादन हुआ है, जिससे किसानों को अच्छी आर्थिक आमदनी हो रही है. स्थानीय बाजारों में मांग बढ़ने के साथ-साथ, बेरोजगार युवक भी यहां से कम दामों पर खरीदकर दूसरे शहरों में ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं. गर्मियों के मौसम और विवाह समारोहों के चलते बड़कागांव के बाजारों में खीरा, ककड़ी और तरबूज की मांग में भारी वृद्धि देखी जा रही है. पारंपरिक खेती के अलावा इन फसलों की खेती किसानों के लिए अतिरिक्त आय का स्रोत बन गयी है. कम लागत और अधिक मुनाफे के कारण किसान तेजी से खीरे की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं. बाजार में खीरे की लगातार मांग बने रहने से किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं. क्षेत्र में अधिक उत्पादन के कारण बड़कागांव के बाजार में खीरे की कीमत 20 रुपये से घटकर 10 रुपये प्रति किलो हो गयी है, फिर भी किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है, क्योंकि लागत की तुलना में लाभ काफी अधिक है. वर्तमान में किसान ऐसी फसलों को प्राथमिकता दे रहे हैं जो उन्हें अधिक लाभ दिला सकें.
किसानों की राय
कृषक प्रवीण कुमार का कहना है कि स्थानीय बाजारों में किसानों को उतना लाभ नहीं मिल पाता है. वहीं, कांड़तरी के किसान धर्मनाथ महतो ने बताया कि व्यापारियों को खीरा बेचने से दोगुना मुनाफा होता है. कृषक बनवारी महतो, भुनेश्वर प्रजापति और कृष्ण माता ने सरकार से मांग की है कि किसानों को उचित मूल्य पर अपनी उपज बेचने के लिए सरकारी बाजारों की व्यवस्था की जाये.खीरे का निर्यात
बड़कागांव के दैनिक बाजार, नयाटांड़ बाजार और हरली के शनिवार बाजार से खीरा हजारीबाग, रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, पटना और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में निर्यात किया जाता है.उत्पादन क्षेत्र
खीरा, ककड़ी और तरबूज की खेती मुख्य रूप से बड़कागांव पश्चिमी पंचायत, पूर्वी पंचायत, चंदौल पंचायत, कांड़तरी पंचायत, तलसवार पंचायत, हरली पंचायत, बादम पंचायत, गोंदलपुरा पंचायत, महुंगाई कला पंचायत, नापोकलां पंचायत, आंगो पंचायत और गरसुला पंचायत के विभिन्न गांवों में होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है