प्रतिनिधि, फतेहपुर. प्रखंड के बनगढ़ी और रगदापाड़ा के बीच शीला नदी पर बना करीब 20 साल पुराना पुल अब जर्जर स्थिति में पहुंच गया है. हाल ही में हुई लगातार बारिश से शीला नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिससे पुल का एक पिलर दबकर धंस गया है. ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त स्थान को लकड़ी गाड़कर अस्थायी रूप से चिह्नित किया है, ताकि राहगीर सतर्क रहें. यह पुल जामताड़ा के फतेहपुर प्रखंड को दुमका जिले के मसलिया होते हुए देवघर जिला को जोड़ता है. ऐसे में यह पुल स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण मार्ग है, लेकिन अब इसकी स्थिति न सिर्फ जर्जर है, बल्कि कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है. फिलहाल, फतेहपुर-बनगढ़ी होते हुए बास्कीडीह तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य पथ निर्माण विभाग की ओर से कराया जा रहा है, जिसे मिनी कंस्ट्रक्शन कंपनी कार्यान्वित कर रही है, लेकिन इस पुराने पुल को उक्त योजना में शामिल नहीं किया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि पुल की दुर्दशा का मुख्य कारण शीला नदी में हो रहे अनियंत्रित बालू दोहन है. एनजीटी के नियमों की अनदेखी कर दिन-रात बालू खनन होता है, जिससे नदी की धारा व पुल के नींव पर प्रतिकूल असर पड़ता है. क्या कहते हैं एइ शीला नदी पर बने पुल की मरम्मति योजना में शामिल नहीं है, लेकिन इसे नये सिरे से बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है. संभवतः बरसात के बाद पुल निर्माण की दिशा में ठोस पहल की जाएगी. तब तक के लिए लोगों को सावधानी बरतें. – दीपक टुडू, एइ, पथ निर्माण विभाग
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