संवाददाता, जामताड़ा. चितरा ईसीएल से जामताड़ा रेलवे साइडिंग तक डंपर द्वारा कोयले की ढुलाई को लेकर जारी विवाद अब गहराता जा रहा है. शुक्रवार को दुलाडीह नगर भवन में ईसीएल प्रबंधन, जामताड़ा जिला प्रशासन, ट्रांसपोर्टर और डंपर एसोसिएशन के बीच बैठक आयोजित की गयी, जिसमें कोई समाधान नहीं निकल सका. बैठक में एसडीओ अनंत कुमार, डीटीओ मनोज कुमार, ईसीएल चितरा जीएम एके आनंद, इंस्पेक्टर इंचार्ज रूपेश कुमार मिश्रा, एसोसिएशन संरक्षक वीरेंद्र मंडल सहित अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए. ईसीएल प्रबंधन का कहना था कि 9 जुलाई से कोयले की ढुलाई बंद है और इससे अब तक लगभग 10 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. उनका प्रस्ताव था कि डंपरों के साथ-साथ पांच हाइवा वाहन भी कोयला ढुलाई के लिए लगाए जाएं. लेकिन एसोसिएशन का कहना था कि यदि हाइवा का प्रयोग किया जाएगा, तो वे उनके एसोसिएशन से जुड़े लोगों के ही वाहन होंगे, बाहरी ट्रांसपोर्टरों के वाहन नहीं चलने दिए जाएंगे. इस मुद्दे पर प्रशासन और एसोसिएशन आमने-सामने आ गए. स्थिति को बिगड़ते देख एसोसिएशन के संरक्षक वीरेंद्र मंडल ने हस्तक्षेप कर माहौल शांत किया. एसोसिएशन ने मांग की कि उन्हें एक सप्ताह का समय दिया जाए ताकि वे अपने हाइवा वाहन जुटा सकें. प्रशासन शुरुआत में केवल चार दिन का समय देने को तैयार था, लेकिन अंततः एक सप्ताह की मोहलत दी गयी. अब कोयले की ढुलाई अगले एक सप्ताह तक बंद रहेगी, जिसके बाद स्थिति की समीक्षा कर अगला निर्णय लिया जाएगा.
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