सारठ के अजहर अंसारी सहित चार साइबर अपराधी गिरफ्तार

एसबीआई योनाे एप का केवाईसी कराने के नाम पर करते थे ठगी. साइबर थाना की पुलिस ने नारायणपुर के चितरपुर गांव में की छापेमारी.

By UMESH KUMAR | July 10, 2025 9:36 PM
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संवाददाता, जामताड़ा. जामताड़ा साइबर थाना की पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए देवघर जिले के सारठ थाना क्षेत्र के लकराखोंदा गांव निवासी मास्टरमाइंड अजहर अंसारी समेत कुल चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इस संबंध में एसपी राजकुमार मेहता ने गुरुवार को साइबर थाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अजहर अंसारी जामताड़ा आकर अन्य साइबर अपराधियों के साथ मिलकर साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था. गुप्त सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर चंदमणि भारती के नेतृत्व में एसआई राहुल राज, एएसआई स्टेनली हेम्ब्रम समेत पुलिस टीम ने नारायणपुर थाना क्षेत्र के चितरपुर गांव में स्थित एक निर्माणाधीन मकान पर छापेमारी की. इस दौरान अजहर अंसारी के अलावा अइयाज अंसारी, आशिक अंसारी (दिघारी निवासी) और वाजीद अंसारी (जशपुर गांव निवासी) को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने इनके पास से 12 मोबाइल फोन, 16 सिम कार्ड, एक चेकबुक और एक बाइक बरामद की है. सभी के विरुद्ध जामताड़ा साइबर थाना कांड संख्या 50/25 दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. एसपी के अनुसार अजहर अंसारी बेहद शातिर है और उसने ठगी का नया तरीका अपनाया था. ये आरोपी एसबीआई योनो एप बंद होने का मैसेज व्हाट्सएप पर भेजते थे और केवाईसी के बहाने एक एपीके फाइल डाउनलोड कराते थे. इसके ज़रिए वे पीड़ित की गोपनीय जानकारी हासिल कर ई-वॉलेट के माध्यम से ठगी करते थे. ये ठगी विशेष रूप से हिंदी भाषी क्षेत्रों के लोगों को निशाना बनाकर की जाती थी. जानकारी के अनुसार अजहर के पिता पारा शिक्षक हैं और उसका ससुराल नारायणपुर क्षेत्र में है. मौके पर साइबर थाना प्रभारी मनोज कुमार महतो, इंस्पेक्टर चंद्रमणि भारती, इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान सहित अन्य थे.

साइबर अपराधियों को एसपी की सख्त चेतावनी, परिजनों पर भी होगी कार्रवाई :

एसपी राजकुमार मेहता ने साइबर अपराधियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि वे अविलंब साइबर अपराध का रास्ता छोड़ दें. उन्होंने कहा कि साइबर ठग गरीबों के खातों से पैसे उड़ाकर अपनी लाइफस्टाइल सुधारने का काम कर रहे हैं, जो पूरी तरह अस्वीकार्य है. एसपी ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगली बार जब किसी साइबर अपराध में एफआईआर दर्ज की जाएगी, तो अभियुक्त के माता-पिता अथवा परिजन, जो सहयोगी या संरक्षणदाता की भूमिका में पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध भी बीएनएस की धारा 111 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब सिर्फ अपराधियों को नहीं, बल्कि अपराध में शामिल या जानते हुए सहयोग करने वाले परिजनों को भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. यह कदम साइबर अपराध पर सख्ती से लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया जाएगा.

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