प्रतिनिधि, कुंडहित. कुंडहित में शुक्रवार की शाम भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर अपने मौसी घर जाने के लिए निकले. भगवान जगन्नाथ देव की रथयात्रा के साक्षी बनने के लिए हजारों की तादात में लोग रथ मार्ग पर एकत्रित हुए. परंपरा के अनुसार, गाजे बाजे और हरिनाम संकीर्तन के बीच कुंडहित के माझपाड़ा व लोहारपाड़ा के दो-दो रथ एक साथ दुर्गा मंदिर से निकालकर बरमसिया मोड़ होते हुए वापस हटिया मैदान तक पहुंचे. रथयात्रा को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु कुंडहित मुख्यालय की ओर उमड़ पड़े. रथ का रस्सी खींच कर श्रद्धालुओं में पुण्य बटोरने की होड़ लगी रही. रथयात्रा के साथ ही मेला भी शुरू हो गया. मेले में लोगों की बड़ी भीड़ उमड़ पडी है. जानकारी के अनुसार 406 वर्षों से कुंडहित में भगवान जगन्नाथ का रथयात्रा उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. लोहारपाड़ा और माझपाड़ा दुर्गा मंदिर से प्रतिवर्ष दो-दो रथ निकाल कर पूरे क्षेत्र का परिभ्रण कराया जाता है. इसके अलावा बनकाठी जगन्नाथ मंदिर से लकड़ी का रथ निकालकर पूरे कुंडहित में घुमाया जाता है. साथ ही नगरी, बाबूपुर एवं तुलसीचक गांव में भी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है. रथयात्रा के मद्देनजर कुंडहित में मेले का आयोजन हुआ. मेले में मिठाई, खिलौने मिनी मेला के साथ झूला सहित अन्य प्रकार के दुकानों से पूरा बाजार पट सा गया है. मेले में लोगों की चहल पहल देखते ही बन रही है. बतातें चले कि रथयात्रा पर लगने वाला मेला कुंडहित का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. पूरी रात चलने वाले इस मेले में लोगों का आना जाना लगातार बना रहता है. रथयात्रा को शांतिपूर्ण वातावरण से सम्पन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से जगह-जगह में पुलिस व ग्रामीण चौकीदार को तैनात किया गया है. वहीं मेले में छोटे एवं बड़े वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद करने के लिए बरमसिया मोड़ एवं पुराना बैक मोड़ में बैरियर लगाया गया है. थाना प्रभारी प्रदीप कुमार ने कहा कुंडहित थाने की पुलिस के अलावा जिला से पुलिस बल मंगाया गया है. मेले में पर्याप्त संख्या में पुलिस को तैनात कर मेले की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.
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