जामताड़ा. आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को उपायुक्त कुमुद सहाय को ज्ञापन सौंपा. इस अवसर पर अभियान के संतालपरगना सचिव गोपाल सोरेन ने कहा कि संताल सिविल रूल 1946 एवं संताल परगना रूल रेगुलेशन एंड जस्टिस कानून 1893 के संदर्भ में आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से सुधार संबंधी मांग पत्र दिया गया. कहा कि पारंपरिक आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में सुधार कर लोकतांत्रिक और संवैधानीकरण करना जरूरी है. चूंकि अभी तक आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में परंपरा के नाम पर वंशवादी शासन व्यवस्था लागू है. मांझी बाबा का चुनाव संबंधित गांव के ही लोगों द्वारा महिला-पुरुष मिलकर एक वर्ष के लिए करें. आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में परंपरा और प्रथा के नाम पर चले आ रहे सभी सामाजिक और धार्मिक क्रियाकलापों में सुधार कर नशापान को समाप्त कर निर्मल जल से सामाजिक एवं धार्मिक क्रियाकलापों को किया जाए. आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में संविधान और कानून को भी लागू किया जाय. चूंकि अभी आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में संविधान का कानून लागू नहीं है. आदिवासी गांव समाज में अभी भी मांझी बाबा के नेतृत्व में किसी भी निर्दोष आदिवासी महिला को डायन घोषित कर दिया जाता है. प्रताड़ित किया जाता है. जबरन हजारों लाखों रुपए से दंडित किया जाता है. सामाजिक बहिष्कार किया जाता है. रेप, मर्डर जैसे मामलों में भी मोटी रकम लेकर दोषियों को बरी कर दिया जाता है. यह संविधान, कानून और मानवाधिकार के खिलाफ है. मौलिक अधिकारों पर हमला है. इसमें सुधार जरूरी है. गैर आदिवासी एवं धर्म परिवर्तित आदिवासी को आदिवासी समाज का मांझी बाबा नहीं बनाया जाना चहिए. हमारे समाज में भी संविधान, कानून और जनतंत्र लागू होना चाहिए. मौके पर संजित सोरेन सहित अन्य उपस्थित थे.
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