संवाददाता, जामताड़ा. नई दिल्ली के संविधान क्लब में रविवार को ऑल इंडिया क़ौमी तंज़ीम की राष्ट्रीय परिषद की बैठक का आयोजन किया गया. इसमें देशभर से संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों, प्रतिनिधियों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. बैठक में पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने भी शिरकत की और अपने संबोधन में देश की वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने देश में बढ़ती नफरत, विभाजनकारी राजनीति और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हो रहे हमलों पर चिंता जतायी. कहा कि आज देश को फिर उसी मज़बूत सामाजिक ताने-बाने की ज़रूरत है, जिसने हमें आज़ादी दिलायी थी. क़ौमी तंज़ीम का उद्देश्य है सबको साथ लेकर चलना, बिना किसी भेदभाव के. यही रास्ता हमें एक मज़बूत और खुशहाल भारत की ओर ले जाएगा. भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज सत्ता पक्ष समाज को धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास कर रहा है, ताकि बेरोज़गारी, महंगाई और सामाजिक असमानता जैसे ज्वलंत मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके. सांप्रदायिक सौहार्द भारत की आत्मा है. लेकिन वर्तमान शासन में धर्म के नाम पर नफ़रत और हिंसा को प्रोत्साहित किया जा रहा है. यह न केवल एक राजनीतिक चाल है, बल्कि हमारे संविधान और स्वतंत्रता संग्राम के मूल्यों के साथ धोखा भी है. कहा कि सांप्रदायिक हिंसा कोई आकस्मिक घटना नहीं होती, बल्कि यह एक सुनियोजित साजिश का परिणाम होती है, जिसे कई बार राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होता है. बैठक में वक़्फ़ संशोधन विधेयक, जाति जनगणना, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, अल्पसंख्यकों के अधिकार, शिक्षा, रोजगार, सांप्रदायिक सौहार्द और लोकतांत्रिक मूल्यों की बहाली जैसे ज्वलंत विषयों पर गंभीर चर्चा हुई. यह भी निर्णय लिया गया कि संगठन आने वाले समय में ज़मीनी स्तर पर कार्य करते हुए सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को मज़बूती प्रदान करेगा. सभी सदस्यों ने मिलकर क़ौमी तंज़ीम को और सशक्त बनाने का संकल्प लिया.
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