जामताड़ा. भारतीय सेना की ओर से हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर की गौरवशाली सफलता एवं देश की रक्षा में समर्पित वीर सैनिकों के सम्मान में तिरंगा यात्रा समिति के तत्वावधान में जामताड़ा नगर स्थित सुभाष चौक से मां चंचला चौक तक भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गयी. इस अवसर पर सुमित शरण ने कहा कि पिछले दिनों 22 अप्रैल को जिस तरह से पाकिस्तानी आतंकियों ने हमारे निर्दोष लोगों को धर्म पूछकर मारा था, तब से पूरे देश में बदला लेने की मांग उठ रही थी. हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पाकिस्तान को ललकार कर कहा था कि आतंकी कहीं भी छुपे हो, उसको बिल में घुसकर मारा जाएगा. ठीक उसी तरह विगत 7 मई को रात करीब 1 बजे भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में आतंकियों के 9 अड्डों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया. इस अभियान में सैकड़ों आतंकियों को मारा गया. जिस तरह से पहलगाम में पत्नी के सामने उनके पति को मारकर उनकी मांग का सिंदूर पोछा गया था, उसी तरह इस ऑपरेशन का नाम भी सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर रखा गया और पाकिस्तान के घर में घुसकर जिहादियों को धर्म बताकर मारा गया. वहीं अनूप राय ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एयरबेस को भी पूरी तरह से बर्बाद कर दिया, जिससे पाकिस्तान सेना घबरा गया और पाकिस्तान सेना के अफसर भारतीय सेना के सामने युद्ध रोकने की नाक रगड़ने लगे तब जाकर भारत तथा पाकिस्तान द्वारा सीजफायर का निर्णय लिया गया. लेकिन भारतीय सेना द्वारा यह भी कहा गया है कि अभी ऑपरेशन सिंदूर समाप्त नहीं हुआ है. अगर पाकिस्तान कोई भी गुस्ताखी करता है तो उसकी गोली का जवाब भारतीय सेना गोला से देगी. निवास मंडल ने कहा कि पाकिस्तान की सेना द्वारा बार-बार आतंकियों को भेज कर हिंदुस्तान को अस्थिर करने की कोशिश की जाती है. लेकिन हर बार उसको भारतीय सेना द्वारा गहरी चोट दी जाती है और इस बार ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से तगड़ा झटका दिया गया है. मनीष दुबे ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना के पराक्रम को दर्शाता है, जिससे अब जाकर पूरे देशवासियों के बेचैन दिल को ठंडक पहुंची है. आज भारतीय सेना के सम्मान में जामताड़ा तिरंगा यात्रा समिति की ओर से तिरंगा यात्रा निकाली गयी, जिसमें नगर के सभी देशभक्त शामिल हुए. मौक़े पर कमल गुप्ता, संजय अग्रवाल, माधवचंद्र महतो, विष्णु रवानी, संजय परशुरामका, दुबराज मंडल, मितेश शाह, दिलीप हेंब्रम, सुकुमणि हेंब्रम, सुरेश राय, महेन्द्र मंडल, आभा आर्या, किरण बेसरा, सुकुमार सरखेल आदि थे.
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